पश्चिम और नजफगढ़ क्षेत्र सर्वाधिक डेंगू प्रभावित, कुल मामले बढ़कर 159 हुए, मलेरिया से तप रहे बदन

in #latest2 years ago

एमसीडी की रिपोर्ट के अनुसार इस साल दिल्ली में अब तक 159 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से सर्वाधिक 10-10 मामले पश्चिम व नजफगढ़ क्षेत्र में आए हैं। शाहदरा दक्षिण क्षेत्र में सात, उत्तर क्षेत्र में छह, रोहिणी में पांच और केशवपुरम व सिविल लाइन जोन में 4-4 मामले आए हैं। बाकी क्षेत्रों में भी इसी तरह से डेंगू के मामले आए हैं।

दिल्ली के पश्चिम और नजफगढ़ क्षेत्र इस साल डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित रहे हैं। इसके बाद शाहदरा दक्षिण और उत्तर क्षेत्र सबसे प्रभावित क्षेत्र हैं। इस साल दिल्ली में जनवरी से ही डेंगू के मामलों में निरंतर वृद्धि हुई है। मौजूदा समय दिल्ली में डेंगू के साथ मलेरिया के मामले भी बढ़ रहे हैं।

दिल्ली में मच्छरजनित बीमारियों का खतरा हर साल तेज रहता है। दिल्ली नगर निगम द्वारा स्वच्छता व मच्छरों के खिलाफ किए जाने वाले सारे इंतजाम फीके पड़ जाते हैं। इसकी एक वजह ये भी है कि दिल्लीवासी भी लापरवाही कर मच्छरों के प्रजनन में अपनी तरफ से बड़ी भूमिका निभाते हैं। नतीजतन पिछले साल डेंगू ने दिल्ली में कई साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, दिसंबर तक कुल 9613 मामले दर्ज किए गए थे और 23 लोगों की डेंगू से मौत हो गई थी।

एमसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भी दिल्ली में अब तक 159 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से सर्वाधिक 10-10 मामले पश्चिम व नजफगढ़ क्षेत्र में आए हैं। शाहदरा दक्षिण क्षेत्र में सात, उत्तर क्षेत्र में छह, रोहिणी में पांच और केशवपुरम व सिविल लाइन जोन में 4-4 मामले आए हैं। बाकी क्षेत्रों में भी इसी तरह से डेंगू के मामले आए हैं।
इस साल दक्षिण क्षेत्र का अब तक कोई डेंगू का केस नहीं
दक्षिण क्षेत्र में इस साल अब तक डेंगू का कोई मामला नहीं आया है। वहीं पिछले साल मौजूदा समय तक दिल्ली में सर्वाधिक सात मामले दक्षिण क्षेत्र से ही आए थे। इस साल डेंगू के सर्वाधिक 102 मामले ऐसे हैं, जिन रोगियों के घर का सही पता अस्पतालों के पास उपलब्ध नहीं हैं।
मलेरिया के चार डेंगू का एक नया मामला
एमसीडी की रिपोर्ट से पता चला है कि मलेरिया के चार और डेंगू का एक नया मामला सामने आया है। एमसीडी के जन स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उसने मच्छरों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज की है। जन जागरूकता अभियान को भी बढ़ाया गया है। डीबीसी कर्मचारी कीटनाशक दवा का निरंतर छिड़काव कर रहे हैं। इसके बावजूद विभाग को मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ने की आशंका है।

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