जमीन खरीदने में लाखों लगा दिए, मुआवजा आधा भी नहीं

in #land2 days ago

महाराजगंज 17 सितंबर : (डेस्क) प्रस्तावित रेल मार्ग के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे को लेकर स्थानीय लोग परेशान हैं।प्रभावित लोग अधिवक्ताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि वे सही कानूनी सलाह प्राप्त कर सकें।

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महराजगंज में प्रस्तावित रेल मार्ग के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे को लेकर स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। इस मुद्दे पर प्रभावित लोग अधिवक्ताओं के पास जाकर विधिक राय ले रहे हैं, ताकि वे अपने अधिकारों और मुआवजे की प्रक्रिया को समझ सकें।

स्थानीय निवासियों ने मुआवजे के लिए आपत्ति दाखिल की है, जिसमें उन्होंने कॉमर्शियल रेट पर मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि किसी ने चार डिस्मिल जमीन के लिए 30 लाख रुपये का मुआवजा प्राप्त किया है, तो उन्हें भी उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

यह मामला न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों और जमीन मालिकों को उचित मुआवजा मिलना आवश्यक है, ताकि उनकी आजीविका पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। कई ग्रामीणों का मानना है कि उन्हें मिलने वाला मुआवजा बाजार मूल्य से कम है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है।

सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का अनुभव कुछ और ही बयां करता है। उन्हें लगता है कि उनकी आवाज़ें सुनने वाला कोई नहीं है और उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

इस संदर्भ में, ग्रामीणों ने एकजुट होकर अपनी मांगों को उठाने का निर्णय लिया है। वे चाहते हैं कि संबंधित अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखें और उचित मुआवजे की मांग करें। इसके लिए वे विभिन्न मंचों का सहारा ले रहे हैं, जैसे कि जनसभाएँ और स्थानीय मीडिया में अपनी समस्याओं को उजागर करना।

इस स्थिति में स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे प्रभावित लोगों की समस्याओं का समाधान करें और उन्हें उचित मुआवजा प्रदान करें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो यह मामला और अधिक गंभीर हो सकता है, जिससे सामाजिक अशांति उत्पन्न हो सकती है।

अंततः, यह आवश्यक है कि सरकार भूमि अधिग्रहण के मामले में प्रभावित लोगों की चिंताओं को गंभीरता से ले और उन्हें उचित न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए।