बारिश से उड़द और मूंग की फसलें बर्बाद

in #lalitpur9 days ago

ललितपुर 7 सितंबर:(डेस्क)डोंगराखुर्द (ललितपुर) में हाल ही में हुई लगातार बारिश ने नाराहट क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की खरीफ की फसल को बर्बाद कर दिया है। किसानों ने बताया कि उनकी फसलों में फूल और फलियां आ रही थीं, लेकिन बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो गया। नदी और नाले उफान पर होने से आसपास के खेतों की फसलें नष्ट हो गईं। इस स्थिति ने किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है और उन्होंने सरकार से मुआवजे और बीमा क्लेम की मांग की है।

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बारिश का प्रभाव
पिछले महीने हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। नाराहट क्षेत्र के किसान अपनी फसलों के प्रति काफी आशान्वित थे, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस बार अच्छी उपज होगी। लेकिन बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। खेतों में जलभराव होने के कारण फसलें सड़ गईं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

किसानों की समस्याएं
किसानों ने बताया कि उनके खेतों में पानी भर जाने के कारण फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं। कई किसान तो ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सारी बचत फसल की बुवाई में लगा दी थी। अब जब फसलें बर्बाद हो गई हैं, तो उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। किसान अब अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए चिंतित हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करें।

मुआवजे की मांग
इस स्थिति को देखते हुए किसानों ने सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द फसलों का सर्वे कराएं और प्रभावित किसानों को मुआवजा और बीमा क्लेम प्रदान करें। किसानों का कहना है कि यदि उन्हें समय पर मुआवजा नहीं मिला, तो वे आर्थिक रूप से और भी अधिक कमजोर हो जाएंगे।

स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन को इस मामले में सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है। किसानों की समस्याओं को समझते हुए प्रशासन को जल्द से जल्द सर्वेक्षण करना चाहिए और उचित मुआवजे की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें भविष्य में खेती करने के लिए भी प्रेरणा मिलेगी।

सरकार की योजनाएं
सरकार ने पहले से ही कई योजनाएं बनाई हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ तब ही मिलेगा जब किसानों को सही समय पर जानकारी और सहायता मिले।

निष्कर्ष
डोंगराखुर्द (ललितपुर) में हुई बारिश ने नाराहट क्षेत्र के किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। फसलों के बर्बाद होने से किसान आर्थिक संकट में हैं और उन्हें मुआवजे की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और प्रभावित किसानों की सहायता के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। यदि समय पर कार्रवाई की गई, तो किसानों को राहत मिलेगी और वे फिर से अपनी फसल उगाने के लिए प्रेरित होंगे।