हिंसक बाघ को खदेड़ने मंझरा जंगल पहुंचीं चंपाकली और जयमाला।

in #lakhimpur2 years ago (edited)

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लखीमपुर खीरी जिले के उत्तर खीरी वन प्रभाग की उत्तर निघासन रेंज के मंझरा पूरब बीट में ग्रामीणों के लिए दहशत का पर्याय बने हिंसक बाघों को खदेड़ने के लिए एक बार फिर कर्तनिया से मादा हाथी चंपाकली और जयमाला मंझरा पूरब पहुंच चुकी हैं।
जो कि जंगल एरिया में भ्रमण कर हिंसक बाघों को खदेड़ने का कार्य करेंगी,आपको बता दें मंझरा पूरब बीट में पिछले दो वर्ष के अंदर डेढ़़ दर्जन इंसानी खून पीकर हिंसक बने बाघ ग्रामीणों के लिए दहशत का पर्याय बने हुए हैं,यह बाघ आए दिन जंगल से निकल कर किसी ना किसी राहगीर पर हमला कर उन्हें जंगल में खींच ले जाकर अपना निवाला बना लेते हैं, जिस कारण जहां तराई इलाके के ग्रामीण दहशत भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं तो वहीं हिंसक बाघ वन कर्मियों के लिए भी काफी सिरदर्द बने हुए हैं, हिंसक बाघों के डर से सूर्य ढलते ही ग्रामीण जहां अपने अपने घरों में दुबक जाते हैं। तो वहीं आए दिन हो रही इंसानी खून की घटनाओं से आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने के लिए वन कर्मियों की नींद हराम हो गई है,बाघ की मूवमेंट लेने के लिए वन कर्मी भी दिन-रात एक किए हुए हैं। फिलहाल मझरा पूरब और खैरटिया इलाके में दहशत का पर्याय बने बाघ को खदेड़ने के लिए कर्तनिया से आई हथिनी चंपाकली और जयमाला अपने मकसद में कामयाब होती हैं या फिर पूर्व की भांति निराश होकर वापस लौट जाएंगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

खैरटिया में बाघ की मूवमेंट के लिए लगाए गए कैमरे

मझरा रेलवे स्टेशन और खैरटिया के मध्य बनी बाबा की कुटी से शुक्रवार शाम साधु फूलचंद उर्फ मोहनदास को बाघ के द्वारा अपना निवाला बनाए जाने की घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने के लिए वन विभाग के आला अधिकारी जहां दो दिन से डटे हुए हैं। तो वही बाघ के मूवमेंट जानने के लिए खैरटिया के जंगल एरिया में रविवार को कैमरे भी लगा दिए गए हैं।