महिला सशक्तिकरण के लिए उठाई कावड़, अद्भुत यात्रा

IMG-20220726-WA0066.jpgआज हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के समापन के अवसर पर शिवरात्रि के दिन हर की पेडी हरिद्वार से एक अद्भुत कावड़ यात्रा शुरू हुई यह यात्रा किसी और ने नहीं बल्कि उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने की इस यात्रा का उद्देश्य शिव की पूजा के साथ-साथ शक्ति की पूजा करना भी था और इसी उद्देश्य को देखते हुए उन्होंने सावन के महीने में कावड़ यात्रा के दौरान महिला सशक्तिकरण के लिए कावड़ यात्रा करने का बीड़ा उठाया यह अद्भुत तरह की पहली कावड़ यात्रा है आज सुबह कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य हर की पेडी ब्रह्मकुंड में पहुंची जहां उन्होंने विधान के साथ गंगा जी की पूजा अर्चना की और भगवान शिव का अभिषेक किया।

उन्होंने हर की पैड़ी की प्रबंध कारिणी सभा और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज के पावन सानिध्य में गंगा के पावन तट पर कावड़ यात्रा का शुभारंभ किया इस अवसर पर उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी महंत रवींद्र पुरी महाराज ने उन्हें कावड़ यात्रा की सफलता के लिए आशीर्वाद दिया और उनके महिला सशक्तिकरण के इस कार्य के लिए उनकी सराहना की

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का बेटियों को बचाने के लिए जो कावड़ यात्रा शुरू की गई है वह अनोखी है और गंगा माई उनकी इस यात्रा को सफल करेगी पूर्ण करेगी और सावन के महीने में उन्होंने भ्रूण हत्या रोकने के लिए जो कावड़ यात्रा शुरू की है वह सफल होगी उनका यह कार्य महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान के तहत उन्होंने कावड़ यात्रा शुरू की है और यह कावड़ यात्रा ऋषिकेश के पौराणिक वीरभद्र मंदिर में समाप्त होगी

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उनकी यात्रा साधु संतों के आशीर्वाद से पूरी तरह सफल होगी उनकी यात्रा का उद्देश्य महिलाओं के लिंगानुपात को उत्तराखंड में समान रूप से लागू करना और बेटियों को बचाना बेटियों को पढ़ाना और बेटियों को महिला सशक्तिकरण के रूप में आत्मनिर्भर बनाना है उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा आज हर की पेडी से शुरू होकर ऋषिकेश के पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर में समाप्त होगी।