कुशीनगर में बांस के पौधे लगाने पर जोर साढ़े तीन लाख पौधे लगाने का लक्ष्य।

in #kushinagar2 years ago

कुशीनगर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में तीन लाख पचास हजार बांस की नर्सरी तैयार करने की योजना है। इसके लिए जिले के 14 ब्लॉकों में 34 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को चिह्नित किया गया है। बांस की नर्सरी करीब एक फीट बड़ी होने के बाद इसकी खरीदारी मनरेगा से की जाएगी।

मनरेगा से जिले के गांवों में खाली पड़ी सरकारी भूमि पर बॉस की पौधे लगाये जाएंगे।। इसकी नर्सरी तैयार करने से लेकर बिक्री तक की व्यवस्था मनरेगा से की जा रही है। बांस का उपयोग विभिन्न कार्यों में होता है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं। अगरबत्ती बनाने,आंवला,गेंदा का फूल हल्दी का पैकेट समेत अन्य छोटे-छोटे उद्योगों की स्थापना कर गांव की महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। अब जिले के 34 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें बांस की नर्सरी तैयारी करने की जिम्मेदारी देने की कार्य योजना पर कार्य चल रहा है। यह महिलाएं जिले की अलग-अलग समूह की मदद से पहले चरण में करीब तीन लाख पचास हजार बांस की नर्सरी तैयार करेंगी। बांस की नर्सरी तैयार करने से लेकर इसकी बिक्री तक का खर्च मनरेगा से उठाया जाएगा। बांस की नर्सरी तैयार करने के लिए जिले के 34 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षित महिलाएं जिले के अलग-अलग स्थानों पर बांस की नर्सरी तैयार करने का कार्य करेंगी। स्वयं सहायता समूहों की तरफ से तैयार किए जाने वाले बांस की लंबाई 70 से 80 फीट होगी। यह करीब दो वर्ष में तैयार हो जाएगा। इसकी मजबूती जिले में पाए जाने वाले अन्य बांस से अधिक है। इसलिए इसका प्रयोग कुर्सी, ड्राइंग टेबल समेत अन्य सजावटी सामान बनाने में किया जा सकता है। तैयार होने के बाद एक बांस की कीमत करीब तीन से चार सौ रुपये होगी। नर्सरी तैयार होने के बाद करीब सात रुपये प्रति पौधा के हिसाब से मनरेगा इसकी खरीदारी करेगा। इसके बाद बाढ़ग्रस्त इलाकों के अलावा जिले के अन्य गांवों में खाली पड़ी सरकारी भूमि पर इसे लगाया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई किसान अपनी निजी भूमि पर बांस की नर्सरी लगाने के लिए इच्छुक होगा, तो उसे भी मनरेगा की तरफ से नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। दो वर्ष में बांस तैयार होने पर इसकी बिक्री कर आय प्राप्त की जा सकेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को मिलेगा रोजगार

जिला संसाधन व्यक्ति राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कुशीनगर के अधिकारी संतोष कुमार पाण्डेय ने बताया कि गांव की महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बांस की नर्सरी तैयार कराने की योजना पर कार्य चल रहा है। नर्सरी तैयार करने से लेकर इसकी बिक्री तक का सारा खर्च मनरेगा से किया जाएगा। नर्सरी से प्राप्त होने वाली आय के लाभांश को समूह की महिलाओं में बांट दिया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थित सुदृढ़ होगी। IMG-20220504-WA0037.jpg