दुराचार के आरोपी को 20वर्ष के सश्रम कारावास की सजा 5हजार का अर्थ दण्ड

in #korte2 years ago

न्यायालय ने सुनाया नाबालिग से दुष्‍कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रू जुर्माना

वर्थियम न्यूज सीधी म प्र।
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जिला न्यायालय के तृतीय अपर सत्र न्‍यायालय सीधी द्वारा विचारण उपरांत थाना जमोडी के अपराध क्रमांक 238/20 म.प्र. शासन विरूद्ध रोहित उर्फ छोटू रावत पिता रामपति रावत उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम नोढिया थाना जमोडी जिला सीधी को पाक्‍सो एक्‍ट की धारा 5j(ii)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रू अर्थदंड से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि दिनांक 13.07.20 को समय लगभग 10:25 बजे फरियादी रोहित रावत पुलिस सहायता केंद्र जिला अस्‍पताल सीधी में रिपोर्ट किया कि उसकी पत्नि मृतिका जिसकी उम्र 15 वर्ष है, 06-07 दिन पूर्व से बीमार थी, गांव में दवा इलाज कराया था ठीक नहीं हुई तब उसका इलाज कराने के लिए दि. 12.06.20 को शाम करीब 06 बजे जिला अस्‍पताल सीधी में भर्ती कराया था उसी दौरान रात 12 बजे उसकी मृत्‍यु हो गई। मृतिका नवविवाहिता थी एवं मृत्‍यु का कारण स्‍पष्‍ट न होने से मृतिका का एफएसएल जांच हेतु चिकित्‍सीय परीक्षण कराया गया। मामले की जांच करने पर पाया गया कि मृतिका आरोपी रोहित रावत के साथ वर्ष 2019 से बिना विवाह के रह रही थी जिसे आरोपी रोहित रावत ने बहला फुसलाकर अपने साथ रखा था एवं उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता था जिससे मृतिका गर्भवती हो गई और मृत्‍यु के 06 माह पूर्व उसने 01 बालक को जन्‍म दिया था। मामले में पुलिस थाना जमोडी द्वारा अपराध क्र. 238/20 अंतर्गत धारा 363, 366, 366(क), 376(2)(झ)(ढ) भादवि एवं 5/6 पाक्‍सो एक्‍ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना पश्‍चात् अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया जहां न्‍यायालयीन विचारण के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्‍त पैरवी करते हुए अभियुक्‍त को दोषी प्रमाणित कराया गया एवं माननीय न्‍यायालय से अधिकतम सजा दिये जाने की अपील की गई। परिणामस्‍वरूप न्‍यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 33/20 में माननीय तृतीय अपर सत्र न्‍यायालय (पाक्‍सो एक्‍ट) सीधी द्वारा अभियुक्‍त रोहित रावत के विरूद्ध दोषसिद्धि का निर्णय पारित करते हुये उक्‍त धाराओं में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रू अर्थदंड से दंडित किया गया।