महिला पुलिस वालेंटियरों को एक साल से नही मिला है मानदेय, महंगाई के इस दौर में हो रही है परेशान

in #korea2 years ago

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कोरिया 28 मई। कोरिया जिले में कार्यरत महिला पुलिस वालेंटियरों को बीते 1 साल में मिलने वाला मात्र 1 हजार रुपये महीने का मानदेय नही मिला है। जिसके कारण महिला स्वयं सेवकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड रहा है साथ ही एक साल से मानदेय नही मिलने से महिला स्वयं सेवकों का उत्साह भी कम हुआ है जिससे कि वे अपने काम पर ज्यादा ध्यान नही दे रही है।

जानकारी के अनुसार शुरूआती समय में जब जिले में महिला स्वयं सेवकों केा नियुक्त किया गया था उस दौरान भी नियमित तौर पर उन्हे मानदेय नही दिया जा रहा था। बताया जाता है कि शुरूआती समय में भी उन्हे तीन चार माह बीत जाने के बाद मानदेय का भुगतान किया जा रहा था और इसके बाद तो हद हो गयी एक साल से महिला स्वयं सेवकों को मानदेय का भुगतान नही हुआ है जिससे कि महिला स्वयं सेवक हतास एवं उदास हो गये है ऐसे में उनसे कैसे सही तरीके से अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन की अपेक्षा की जा सकती है। इस दिशा में ध्यान देकर जल्द ही जिले के महिला स्वयं सेवकों को उनकी लंबित मानदेय का भुगतान करने की दिशा में पहल की जाये। जानकारी के अनुसार संपन्न नपा चुनाव में प्रत्येक मतदान केंद्रों में महिला स्वयं सेवकों की ड्यूटी लगायी गयी थी और पूरे समय तक अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन किया था ऐसे कई कार्य उन्हे जब भी सौंपा जाता है तो वे ईमानदारी के साथ अपने कार्यो को संपादित करते है। उल्लेखनीय है कि कोरिया जिले में महिला बाल विकास व पुलिस से समन्वय स्थापित कर शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में उक्त विभागों की सहायता के लिए महिला पुलिस स्वयं सेवकों को नियुक्त किया गया है। जिनका काम पुलिस केा विभिन्न अपराधों की सूचना के साथ महिला उत्पीडन तथा महिलाओं से संबंधित अपराधों के बारे में पुलिस को जानकारी देना तथा महिला बाल विकास विभाग को सहयोग करना है। जिसके लिए नियुक्त महिला स्वयं सेवकों को 1 हजार रूपये मानदेय दिया जाना है

मानदेय बढाने की कर चुकी हैं मॉग

महिला स्वयं सेवकों के द्वारा पूर्व में अधिकारियों को पत्र लिखकर उनका मानदेय बढाने की मॉग संबंधी आवेदन देकर किया जा चुका है लेकिन इस आवेदन पर विचार नही किया है बल्कि जिस मानदेय को नियमित तौर पर देना चाहिए था उसे एक साल तक रोके रखा गया है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद भी महिला स्वयं सेवकों के खाते में उनके मानदेय की राशि नही आ पायी है। महिला स्वयं सेवकों को एक तो कम मानदेय दिया जा रहा है जिससे कि आज की महंगाई में एक हजार रूपये काफी नही है। इसके बावजूद यदि उन्हे नियमित तौर पर मानदेय का भुगतान किया जाता तो उनमें कार्य करने की उत्साह बना रहता साथ ही बढी महंगाई को देखते हुए उनके मानदेय में वृद्धी करने को लेकर विचार किया जाना चाहिए।

गणवेश की मॉग भी नही हुई पूरी

महिला स्वयं सेवकों द्वारा पूर्व में अधिकारियों को दिये आवेदन में जहॉ मानदेय बढाने की मॉग की गयी थी उसी आवेदन में महिला स्वयं सेवकों के द्वारा गणवेश प्रदाय किये जाने की मॉग की गयी थी। उनका कहना है कि वे पुलिस के हर कार्य में सहयोग करती है ऐसे में उन्हे भी गणवेश प्रदाय किया जाये ताकि समाज में उनका एक ड्रेस होने से लोगों को इस बात की जानकार हो सकेगी और वे आत्मविश्वास के साथ अपने कार्यो को संपादित कर सकती है।