डीबीएल कंपनी की मनमानी चरम पर, अवैध तरीके से किया जा रहा मिट्टी- मुरुम का उत्खनन*

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कोरबा/पाली(WORTHEUM NEWS) बगदेवा (पतरापाली) से कटघोरा तक नेशनल हाईवे फोरलेन सड़क निर्माण में लगी कंपनी मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन की मनमानी चरम पर पहुँच गई है। जहां प्रशासनिक कार्यवाही के बावजूद भी उक्त कंपनी के हौसले पस्त नही हुए बल्कि गैर तरीके से मिट्टी- मुरुम का उत्खनन लगातार जारी है, जो बेखौफ हो राजस्व व वन की शासकीय भूमि पर उत्खनन कार्य को अंजाम देते हुए शासन को राजस्व का चपत लगा रहा है। जिस पर रोक लगाने गत माह पूर्व राजस्व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस कंपनी की दर्जन भर से ऊपर वाहनों पर कार्यवाही की गई थी और सम्बंधित ठेका कंपनी के अधिकारियों- कर्मचारियों को नियम विरुद्ध उत्खनन कार्य नही करने सख्त हिदायत भी दी गई थी, लेकिन वह हिदायत भैस के आगे बिन बजाए- भैंस खड़ी पोगराए की तर्ज पर साबित होते दिख रही है और कंपनी द्वारा इन दिनों पाली के समीप ग्राम पंचायत सराईपाली के आश्रित ग्राम रंगोले में शासकीय वन एवं राजस्व की भूमि से मिट्टी- मुरुम का उत्खनन किया जा रहा है, साथ ही पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत निर्मित डबरी से भी बेतरतीब खनन कर आस्तित्व बिगाड़ दिया गया है। जिसके संबंध पर इस ग्राम के सरपंच पति संतोष मेश्राम से बात करने पर उन्होंने सड़क निर्माण कम्पनी को खनन कार्य हेतु सहमति के तौर पर पंचायत प्रस्ताव देने की बात कही। अब यहां पर सवाल यह उठता है कि शासकीय डबरी अथवा भूमि पर मिट्टी- मुरुम खनन कार्य हेतु पंचायत को सहमति पत्र देने का क्या अधिकार है? सड़क निर्माण उक्त कंपनी द्वारा प्रारंभ से ही शासकीय भूमि से अवैध तौर- तरीके अपनाकर मिट्टी- मुरूम का मनमाने दोहन करते आ रहा है। इसके अतिरिक्त प्रभावित गांवों के अनेक ग्रामीणों की निजी भूमि से भी बिना अनुमति खनन कार्य को अंजाम दिया गया है। ऐसा लगता है जैसे कंपनी को मनमानी की छूट प्राप्त है जिसकी वजह से वह अपनी चरम सीमा पार कर चुकी है। शासकीय खजाने में राजस्व की बढ़ोतरी को लेकर शासन गंभीर है किंतु प्रशासनिक उदासीनता का लाभ लेकर ऐसी कंपनी अपनी मनमानी पर आमादा है, जिससे शासन को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। मनमाने तौर- तरोको को अंजाम देने वाले ऐसे कंपनी पर कड़े लगाम कसने की आवश्यकता है।