बदले की भावना में अंधा पिता: बेटे को नदी में फेंककर हत्या, पुलिस से कहा- पड़ोसियों ने किया
बदायूं 4 सितम्बर:(डेस्क)बदायूं के सिंधौली थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपने मानसिक रूप से अस्वस्थ बेटे की हत्या कर दी। आरोपी पिता संजीव ने अपने बेटे गौरव को नदी में फेंककर मार डाला और हत्या का आरोप पड़ोसियों पर लगाते हुए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।
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घटना की शुरुआत तब हुई जब संजीव की पत्नी नन्हीं देवी ने अपने पति की पिटाई का बदला लेने की ठानी। संजीव ने अपनी पत्नी से विवाद के बाद मानसिक तनाव में आकर अपने बेटे की हत्या की योजना बनाई। सोमवार को संजीव ने अपने बेटे गौरव को दवा लेने के बहाने स्कूटी पर चिनौर ले जाने का नाटक किया।
चिनौर में मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के बाद, संजीव ने शाम करीब सात बजे तिउलक पुल के पास पहुंचकर अपने बेटे को नदी में धक्का दे दिया। इस दौरान, गौरव की आंखों के सामने वह पानी में डूब गया और उसका निर्दयी पिता उसे देखता रहा।
गौरव के पानी में डूबने के बाद, संजीव घर लौट आया और उसने झूठा दावा किया कि पड़ोसी और चार अन्य लोग उसके बेटे को छीनकर ले गए। उसने यह भी कहा कि उसके बेटे का अपहरण कर लिया गया है। संजीव की यह कहानी सुनकर पुलिस को शक हुआ और उन्होंने पड़ोसियों को थाने बुलाकर उनसे पूछताछ शुरू की।
पुलिस ने कहा कि जब शव बरामद होगा, तब वे पड़ोसियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इस पर संजीव ने खुद ही नदी में अपने बेटे की तलाश करने की बात कही। मंगलवार को पुलिस ने गौरव का शव नदी से बरामद कर लिया।
पुलिस ने संजीव को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। पुलिस के अनुसार, संजीव के परिवार में उसकी पत्नी नन्हीं देवी और चार बेटे थे। गौरव की मृत्यु से पहले एक बेटी भी थी, जो पहले ही खत्म हो चुकी थी।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अशोक कुमार मीणा ने एसओजी को कार्रवाई में लगाया। पुलिस ने संजीव से बातचीत की और पाया कि वह बार-बार पड़ोसियों पर हत्या का आरोप लगाने की कोशिश कर रहा था, जिससे पुलिस का शक और गहरा हो गया।
इंस्पेक्टर धर्मेंद्र ने बताया कि नामजद आरोपियों को थाने लाया गया है और शव मिलने के बाद उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। संजीव का बेटा गौरव और उसके पड़ोसी विवेक के बेटे आयुष के बीच झगड़ा हुआ था, जिसकी शिकायत लेकर नन्हीं देवी पड़ोसी के घर गई थी।
इस घटना ने यह दर्शाया है कि कैसे एक पिता की बदले की भावना ने उसके मासूम बेटे की जान ले ली। संजीव की साजिश और उसके द्वारा किए गए अपराध ने समाज में एक बार फिर से परिवारिक विवादों और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है और न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।