Waqf Board क्या है? वक्फ बोर्ड क्या करता है? वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टीज

आपने हाल फिलहाल में वक्फ बोर्ड का नाम जरूर सुना होगा। यह नाम बेहद चर्चा में रहा है। दरअसल, 9 नवंबर को आए राम जन्मभूमि विवाद पर फैसले की वजह से यह नाम बार बार लोगों की जुबान पर आया। इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड भी एक पार्टी था। उसने विवादित ढांचे पर फैसले को एकतरफा बता सुर्खियां भी बटोरीं। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान किया।

लेकिन बाद में उसके सात में से छह सदस्यों ने यह याचिका दाखिल करने से इंकार कर दिया। दोस्तों, क्या आपको पता है कि वक्फ बोर्ड क्या होता है? इसे क्यों गठित किया जाता है? यह करता क्या है? आज इस post के माध्यम से हम आपको waqf board यानी वक्फ बोर्ड से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
वक्फ बोर्ड के गठन का मकसद क्या था –
दोस्तों, वक्फ बोर्ड के गठन का मकसद भारत में इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल को देखना था। इस संस्था में एक अध्यक्ष और बतौर सदस्य 20 लोग होते हैं। इनमें से कुछ की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। मनोनीत विधायक, सांसद आदि रखती है।
है?
दोस्तों, इससे पहले कि हम वक्फ बोर्ड के बारे में जाने, हमें यह जान लेना जरूरी है कि आखिर यह वक्फ क्या है। तो आइए, हम आपको बताएं कि वक्फ का क्या मतलब है। दरअसल, वक्फ उन संपत्तियों को कहा जाता है, जो अल्लाह के नाम पर धार्मिक और चैरिटेबल कार्यों के लिए दान में दे दी जाती हैं। अगर कानूनी नजरिए से देखें तो यह माना जा सकता है कि अगर कोई शख्स अपनी चल या अचल संपत्ति अपनी मर्जी से धार्मिक या इस्लाम के पवित्र कार्य में लगाने के लिए दान करता है तो उसे वक्फ पुकारा जाता है।

आपको बता दें कि वक्फ का निर्माण डीड के जरिए ही किया जा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित किया जा सकता है। लेकिन तभी, अगर इसका इस्तेमाल लंबे समय के लिए इस्लाम धर्म से जुड़ी धार्मिक गतिविधियों या चैरिटेबल से किया जा रहा हो।
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इसमें कोई मुस्लिम स्कॉलर या स्टेट बार काउंसिल का सदस्य हो सकता है। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग वक्फ बोर्ड भी होते हैं। इसके चेयरमैन होते हैं। इन्हें मुस्लिम कानून बनाने की घोषणा करता है।
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Waqf Board क्या है? वक्फ बोर्ड क्या करता है? वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टीज
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आपने हाल फिलहाल में वक्फ बोर्ड का नाम जरूर सुना होगा। यह नाम बेहद चर्चा में रहा है। दरअसल, 9 नवंबर को आए राम जन्मभूमि विवाद पर फैसले की वजह से यह नाम बार बार लोगों की जुबान पर आया। इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड भी एक पार्टी था। उसने विवादित ढांचे पर फैसले को एकतरफा बता सुर्खियां भी बटोरीं। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान किया।

लेकिन बाद में उसके सात में से छह सदस्यों ने यह याचिका दाखिल करने से इंकार कर दिया। दोस्तों, क्या आपको पता है कि वक्फ बोर्ड क्या होता है? इसे क्यों गठित किया जाता है? यह करता क्या है? आज इस post के माध्यम से हम आपको waqf board यानी वक्फ बोर्ड से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

वक्फ है?
दोस्तों, इससे पहले कि हम वक्फ बोर्ड के बारे में जाने, हमें यह जान लेना जरूरी है कि आखिर यह वक्फ क्या है। तो आइए, हम आपको बताएं कि वक्फ का क्या मतलब है। दरअसल, वक्फ उन संपत्तियों को कहा जाता है, जो अल्लाह के नाम पर धार्मिक और चैरिटेबल कार्यों के लिए दान में दे दी जाती हैं। अगर कानूनी नजरिए से देखें तो यह माना जा सकता है कि अगर कोई शख्स अपनी चल या अचल संपत्ति अपनी मर्जी से धार्मिक या इस्लाम के पवित्र कार्य में लगाने के लिए दान करता है तो उसे वक्फ पुकारा जाता है।

आपको बता दें कि वक्फ का निर्माण डीड के जरिए ही किया जा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित किया जा सकता है। लेकिन तभी, अगर इसका इस्तेमाल लंबे समय के लिए इस्लाम धर्म से जुड़ी धार्मिक गतिविधियों या चैरिटेबल से किया जा रहा हो।

ज्यादातर किन कार्यों में होता है इस्तेमाल –

Waqf Board क्या है? वक्फ बोर्ड क्या करता है? वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टीज

साथियों, लगे हाथ आपको यह भी बता दें कि वक्फ की संपत्ति का इस्तेमाल किन कार्यों में किया जाता है। इन्हें अक्सर धार्मिक स्कूल चलाने के लिए, कब्रिस्तान बनाने के लिए, मस्जिद बनाने के लिए या फिर आश्रय स्थल यानी कि शेल्टर होम बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

किस तरह बनता है वक्फ बोर्ड –
दोस्तों, हालांकि मुस्लिम कानूनों में वक्फ बनाए जाने के किसी खास तरीके का उल्लेख नहीं किया गया है, फिर भी इसे इस तरह से बनाया जाता है- जब कोई शख्स अपनी प्रॉपर्टी के अल्लाह वह धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पण की घोषणा करता है तो उसे वक्फ के बराबर माना जाता है। यह समर्पण कोई उस वक्त भी कर सकता है, जबकि कोई मृत्यु शैया पर हो। हालांकि ऐसे मामलों में वह इंसान वक्फ के लिए अपनी संपत्ति का एक तिहाई से अधिक समर्पित नहीं कर सकता।

वक्फ बोर्ड क्या है –
साथियों, जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि वक्फ क्या है यहां हम आपको बताएंगे कि आखिर वक्फ बोर्ड क्या होता है। इसके बाद हम आपको बताएंगे कि वक्फ बोर्ड क्या है। दोस्तों, वक्फ बोर्ड एक कानूनी निकाय है। इसका गठन साल 1964 में भारत सरकार ने वक्फ कानून 1954 के तहत किया था।

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वक्फ बोर्ड क्या करता है –
आइए, अब आपको बता दें कि यह बोर्ड करता क्या है। इसे वक्फ की संपत्ति के अधिग्रहण, उसे अपने पास रखने या उसके हस्तांतरण का अधिकार होता है। यह न्यायिक व्यवस्था के तहत गठित कानूनी बोर्ड है, इसलिए यह किसी व्यक्ति पर मुकदमा चला सकता है या कोर्ट में मुकदमे का सामना कर सकता है।

वक्फ बोर्ड के पास एक अधिकार यह भी है कि वह अपनी संपत्ति का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है। वह अतिक्रमण हो चुकी संपत्ति को फिर से हासिल करने का हक रखता है। वह अपनी संपत्ति को बेच सकता है उसे लीज पर दे सकता है या किसी को गिफ्ट भी कर सकता है लेकिन इसके लिए उसे बाकायदा बोर्ड के दो तीन सदस्यों की मंजूरी जरूरी होगी।

वक्फ बोर्ड के गठन का मकसद क्या था –
दोस्तों, वक्फ बोर्ड के गठन का मकसद भारत में इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल को देखना था। इस संस्था में एक अध्यक्ष और बतौर सदस्य 20 लोग होते हैं। इनमें से कुछ की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। मनोनीत विधायक, सांसद आदि रखती है।

इसमें कोई मुस्लिम स्कॉलर या स्टेट बार काउंसिल का सदस्य हो सकता है। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग वक्फ बोर्ड भी होते हैं। इसके चेयरमैन होते हैं। इन्हें मुस्लिम कानून बनाने की घोषणा करता है।

क्या गैर मुस्लिम भी बना सकता है वक्फ –
दोस्तों, अगर कोई वक्फ का निर्माण करता है तो फिर वह उससे अपनी संपत्ति वापस नहीं ले सकता। आपको यह भी बता दें कि कोई गैर मुस्लिम भी वक्फ बना सकता है, लेकिन असल सवाल आस्था का है। उसे इस्लाम में आस्था होनी चाहिए। वक्फ एक अधिनियम यानी कि एक्ट के तहत काम करता है। इसके लिए 1995 में एक्ट भी अधिसूचित किया गया।

वक्फ की संपत्ति का प्रबंधन जिसके जिम्मे होता है, उसे मुतवल्ली कहा जाता है। वही, संपत्ति से जुड़ी जानकारी करता है। संपत्ति के दस्तावेजों को खंगालता है।

कौन देता है वक्फ बोर्ड को परामर्श –
मित्रों, आपको यह भी बता दें कि देश भर में वक्फ बोर्ड को उनके कामकाज में बारे में परामर्श देने के लिए एक केंद्रीय वक्फ परिषद की भी स्थापना की गई है। यही परिषद वक्फ बोर्ड को उनके प्रशासन से जुड़े सुझाव और परामर्श भी देने का काम करती है। इस परिषद की स्थापना 1964 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने की। इसका हेड क्वार्टर यानी मुख्यालय नई दिल्ली में है। और यह अल्प संख्यक कार्य मंत्रालय के अधीन काम करती है।

आरोपों के घेरे में वक्फ बोर्ड –
विभिन्न राज्यों के वक्फ बोर्ड की बात करें तो देश भर में उनके पास अरबों की संपत्ति है। अकेले उत्तर प्रदेश
की बात करें तो यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड दोनों पर करोड़ों की संपत्ति के घोटाले का आरोप है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यूपी शिया-सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर 2016 और इसके अगले साल यानी 2017 में प्रयागराज और लखनऊ में मुकदमे दर्ज कराए गए।