कजरी एवं देशभक्ति गीतों से सराबोर विमर्श की 39वीं मासिक कवि गोष्ठी संपन्न

in #kavi2 years ago

कुशीनगर।
पड़रौना नगर के होटल आदित्य पैलेस में विमर्श साहित्यिक संस्था पडरौना कुशीनगर की 39 वीं मासिक कवि गोष्ठी संपन्न हुई। गोष्ठी आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के तहत राष्ट्रीय गीत एवं सावन के माह में कजरी की फुहार से सराबोर होता रहा। अध्यक्षता साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष आरके भट्ट ने किया बतौर मुख्य अतिथि गोरखपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार अवधेश नंद राम नरेश शर्मा शिक्षक रहे। बतौर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश द्विवेदी "ओम", नेहरू इंटर कॉलेज के मंसाछापर के पूर्व प्रधानाचार्य मदन मोहन एवं सेवानिवृत्त शिक्षक रहे मधुसूदन पाण्डेय रहे। मंचासीन अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती को पुष्पार्चन तथा दीप प्रज्वलन के बाद कवि आकाश महेशपुरी में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। आगंतुक अतिथि कवियों के अतिरिक्त बलराम राय, अशोक शर्मा, जगदीश कुशवाहा, देवेश कुमार पांडेय,राधा रमण मिश्र ,मनीष कुमार दुबे ,दिलीप कुमार यादव, कुमारी शिवानी यादव ,शंभू सजल, दीपक मिश्रा आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। संचालन विमर्श साहित्यिक संस्था के सचिव जय कृष्ण शुक्ला ने किया। इस अवसर पर प्रदीप ओझा, आदित्य दीक्षित ,अमन यादव, आदि लोग भी उपस्थित रहे। कवियों द्वारा प्रस्तुत की गई कुछ रचनाएं इस प्रकार हैं,
कजरी - अरे रामा बरसे न बदरवा सवनवा, धूमिल मन किसनवां ए हरी।- मधुसूदन पाण्डेय
शत शत नमन है देश प्यारे -मदन मोहन पांडे
जब कभी आंचल पर तेरे दाग दुश्मन ने लगाया,
बाद केसरिया दीवाने लाल तेरे हो गए ।- आरके भट्ट "बावरा"
जाति धर्म की बातें कर यूं,मत बांटो इंसान को ,
मिलजुल कर तुम रहो बचा लो, अपने देश महान को - आकाश महेशपुरी

गिल्ली डंडा खेल खिलौना कुटिल खेल से अच्छा था - अशोक शर्मा

कजरी,
रही रही फरके नैनवा, सवनवा में ना आइले बलमू- जगदीश कुशवाहा

एक सपनों से गजल साभार लिखना, मेरे हिस्से में से सिसकता प्यार लिखना - जय कृष्ण शुक्ला