चायल में मिले डायरिया के 12 मरीज हुए स्वस्थ

in #kaushambi2 years ago

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कौशाम्बी। जनपद के चायल ब्लाक में डायरिया नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने सभी से अपील भी की है कि स्वस्थ रहने के लिए साफ़ पानी ही पीएं।
डॉ॰ मुक्तेश द्विवेदी अधीक्षक चायल ने बताया कि कस्बे में डायरिया की रोकथाम के लिए विभाग पूरी तरह से सजग होकर दिन रात जुटा हुआ है। लोगों को साफ़ सफाई पर खास ध्यान देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। टंकी के पानी को साफ़ करने के लिए ब्लीचिंग डाल कर शोधित कराया जा रहा हैं नालियों, गड्ढो में छिड़काव किया जा रहा हैं तथा लोगों को क्लोरिन व जिंक टैबलेट का वितरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 12 डायरिया के मरीज मिले हैं सभी स्वस्थ हो चुके हैं |
उन्होंने बताया कि यदि किसी को पानी जैसा दस्त (मल) लगातार हो रहा हो व बार-बार उल्टी हो, अत्यधिक प्यास लगे, बुखार हो तो बच्चे को मानक अनुसार जिंक की गोली दें व ओआरएस का घोल दस्त के तुरंत बाद निश्चित समय अंतराल पर पिलाते रहें। प्यास लगने पर उबला पानी ठंडा कर पीने को दें। ओआरएस का घोल तब तक दें जब तक बच्चा सामान्य रूप से मूत्र त्याग न करने लगे। स्वास्थ्य लाभ न मिलने पर बच्चे को तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं।
ओआरएस व जिंक का प्रयोग
जिंक की गोली दस्त की अवधि और तीव्रता दोनों को कम करती है। वहीं ओआरएस की मदद से ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्टक यानी दस्तध के दौरान शरीर में इलेक्ट्रो लाइट की कमी को पूरा किया जाता है। प्रत्येक दस्त के बाद दो माह से कम आयु के बच्चे को पांच चम्मच ओरआरएस घोल व दो माह से दो वर्ष तक के बच्चे को एक चौथाई से आधा कप ओरआरएस घोल व दो से पांच वर्ष तक के बच्चे को आधा कप से एक कप ओआरएस पिलाएँ। वहीं जिंक की गोली तीन महीने तक दस्त से सुरक्षित रखने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। दो से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली व छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को एक गोली दें। बच्चों में दस्त बंद हो जाने के बाद भी जिंक की खुराक 14 दिनों तक जारी रखनी चाहिए। ऐसा करने से अगले दो से तीन महीने तक डायरिया होने की संभावना भी ख़तम हो जाती है।

घर पर बना सकते हैं ओआरएस
बाजार में अलग-अलग नाम से सस्ते दामों में ओआरएस उपलब्ध हैं। पर आपातकालीन स्थिति में ओआरएस का घोल आप अपने घर में भी बना सकते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग क्षेत्रों में तैनात आशा व आशा संगनी को प्रशिक्षण भी देता है। एक लीटर साफ पानी लें उसे उबाल लें, सामान्य तापमान में पानी आ जाने के बाद उसे साफ छलनी से छान लें व उसमें या 6 चम्म चीनी और आधा चम्माच नमक डालें। अब इस मिश्रण को एक बोतल में भर लें और अच्छी तरह से हिला लें। कुछ ही देर में ओआरएस का घोल बनकर तैयार हो जाएगा।

बरतें सावधानियाँ
• दूषित पानी व बासी खाने खा प्रयोग न करें।
• सफाई रखें ताकि मक्खीन मच्छ र पैदा न हो
• शौचालय प्रयोग का अभाव संक्रमण का कारण बन सकता है।
• खाने से पहले व शौच के बाद साबुन से हाथ धूलें
• जमीन पर पड़े वस्तु, खाद्य पदार्थ मुंह में न डालें
• पैकेट वाले तैलीय खाद्य पदार्थ व फास्ट-फूड न खाएं