कृषि विज्ञान केन्द्र गुडामालानी में खुदरा उर्वरक और और मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन

in #karshi2 years ago

बाड़मेर। IMG-20220608-WA0007.jpgकृषि विज्ञान केन्द्र गुडामालानी में खुदरा उर्वरक और और मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का समापन जिसमें बोलते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पगारिया ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए जैविक कृषि एक रास्ता है जिसके माध्यम से पारिस्थितिकी जैव विविधता आदि का संतुलन किया जा सकता है ताकि आने वाले समय में वातावरणीय परिवर्तन को संतुलित कर सके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ वातावरण को संतुलित रखते हुए उर्वरकों की खपत अनुसूचित मात्रा में करने की सलाह पर जोर देना चाहिए जिससे आने वाले समय में प्रति हेक्टर लागत कम होकर उत्पादन बढ़ाया जा सके! कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पुरुषोत्तम जी जैन अध्यक्ष व्यापार मंडल गुडामालानी ने सभी प्रतिभागियों को जैविक खेती और कम से कम खाद्य उर्वरक तथा संतुलित मात्रा में उर्वरक तथा अपने क्षेत्र और बिजनेस में ईमानदारी से कार्य करने के लिए कहा कि जिससे किसान साथियों को जयादा से ज्यादा फायदा मिले श्री निलेश कैन फाउंडेशन ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी युवाओं को अपने अंदर पुनर प्रतिभा को पहचान कर उसके अकॉर्डिंग अपनी रणनीति बनाकर नया व्यवसाय और उत्तम विकसित करना चाहिए तथा इसके साथ-साथ स्वयं के स्वास्थ्य स्वास्थ्य और जमीन की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खेती करना चाहिए और मूल्य संवर्धन के रूप में प्रतिभागी अपना लोगी लघु उद्योग विकसित करने पर भी विचार करना चाहिए! श्रीमती भगवती आंगनी कार्यकर्ता ने प्रोग्राम में शिरकत कर सभी युवाओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी! जुनेद बानो प्रधानाचार्य में सभी महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अपने कार्य में भागीदारी निभानी चाहिए तथा महिलाओं को भी अपने हुनर का प्रयोग कर नवा चारों को सीखना चाहिए और आगे आकर अपने मूल व्यवसाय में भागीदारी निभानी चाहिए और डा. बाबू लाल जाट ने बताया कि समन्वित पोषण प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन की महती आवश्यकता है ताकि हो रहे वर्तनी परिवर्तन को कम किया जा सके एवं सतत उत्पादन प्राप्त कर सके! आर्या परियोजना के तहत मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह मे प्रभारी डॉ. सुमन शर्मा ने प्रशिक्षण क्रायक्रम के के बारे में सभी को अवगत कराते हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताया कि इसके अंतर्गत ग्रामीण युवाओं को कृषि की और आकर्षित कर कृषि से उपलब्ध संसाधनों का मूल्य संवर्धन कर युवाओं को रोजगार प्रदान कर उद्यमी बनाना है . इसके साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषकर बाजरे एवं अनार के विभिन्न उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर प्रायोगिक एवं सेधान्तिक जानकारी दी गई है . इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षनार्थी बाजरे के बिस्कुट, केक, पॉप एवं नमकीन बनाने पर प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त कर खुद बनाना सिखा, गंगा राम माली खाद ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा की महिला कृषक इसमें महत्वपूर्ण भिमिका निभा सकती है . इसके लिए विशेषकर सबसे पहले मूल्य संवर्धन क्या होता है व् शेक्त्र विशेष में किन किन उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर सकते है और इनके विपणन की क्या व्यवस्था हो सकती है के बारे में युवाओं को अवगत करवाया. इस मोके पर डॉ. गीतेश मिश्रा पशुपलान विशेषज्ञ ने युवाओं को बताया की अपने हुनर का प्रयोग कर अपने कार्य करने की दक्षता बढ़ा कर रोजगार विकसित कर सकते है . श्री गंगा राम माली कार्यक्रम सहायक ने युवाओं को कृषि एवं मूल्य संवर्धित उत्पादों का भविष्य बताते हुए रोजगार के साधनों के बारे में बताया. श्री तुरफान खान फार्म प्रबंधक डॉ. रावता राम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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