Karnataka High Court: हाईकोर्ट ने कहा- नाबालिग मोह से पॉक्सो के भंवर में फंसा

in #karnataka2 years ago

कोर्ट ने कहा कि युवाओं ने मानव जिज्ञासा के साथ जैविक लालसा में यह कृत्य किया। धारा पांच के तहत ऐसे कार्य अपराध करने वाले कार्यों से पूरी तरह से अलग हैं। पॉक्सो के इन प्रावधानों के बारे में छात्रों को नहीं पता था, जो खुद नाबालिग हैं और मोहित हो गए।
Screenshot_20220911-074747_Amar Ujala.jpg
पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि किशोरावस्था के समय लड़के-लड़की में रोमांटिक प्रेम कभी-कभी मोह से उत्पन्न होता है। इसके परिणामस्वरूप लड़का खुद को पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के भंवर में फंसा लेता है। ऐसे में याचिकाकर्ता को उस अपराध के जाल से मुक्त करना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो छात्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। यह टिप्पणी करते हुए जस्टिस एम नागाप्रसन्ना ने नाबालिग को आईपीसी और पॉक्सो के तहत दुष्कर्म मामले से बरी करते हुए दोनों परिवारों के बीच समझौते को सही ठहराया। साथ ही निचली अदालत में लंबित कार्यवाही को भी रद्द कर दिया।