हिजाब विवाद का असर: मैंगलोर विश्वविद्यालय की 16 फीसद मुस्लिम लड़कियों ने लिया टीसी

in #karnataka2 years ago

कर्नाटक के कॉलेजों में क्लास में हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद से मैंगलोर विश्वविद्यालय में 2020-21 और 2021-22 में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाली कुल 900 मुस्लिम छात्राओं में से 145 ने टीसी लिया है.
बेंगलुरू. कर्नाटक के कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने को लेकर भड़के विवाद का असर पर मुस्लिम छात्राओं की पढ़ाई पर साफ दिखने लगा है. मैंगलोर विश्वविद्यालय (एमयू) के कुलपति प्रो. पीएस यदपदिथ्या ने मई में घोषणा की थी कि जो छात्राएं बिना हिजाब के कक्षाओं में शामिल होने की इच्छुक नहीं हैं, उन्हें टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद 16% से अधिक मुस्लिम छात्राओं एमयू से संबद्ध सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों के दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें सेमेस्टर में अपनी टीसी ले ली है.डेक्कन हेराल्ड की एक खबर के मुताबिक दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में एमयू के सरकारी, सहायता प्राप्त और संबद्ध कॉलेजों में 2020-21 और 2021-22 में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला लेने वाली कुल 900 मुस्लिम छात्राओं में से 145 ने टीसी ले लिया था. उनमें से कुछ ने उन कॉलेजों में दाखिला कराया है जहां हिजाब की अनुमति है. अन्य छात्राओं ने फीस का भुगतान करने में असमर्थता जैसे कारणों से कॉलेज छोड़ दिया है. आरटीआई से हासिल जानकारी के अनुसार हालांकि कोडागु जिले में सभी 113 मुस्लिम छात्राएं अपने कॉलेजों में पढ़ना जारी रखे हुए हैं. कोडागु जिले में एमयू के 10 सरकारी, सहायता प्राप्त और संबद्ध कॉलेज हैं.सहायता प्राप्त कॉलेजों (8%) की तुलना में सरकारी कॉलेजों (34%) में टीसी चाहने वाली मुस्लिम छात्राओं की संख्या अधिक है. दक्षिण कन्नड़ के सरकारी कॉलेजों में इस मामले में डॉ. पी दयानंद पाई-पी सतीशा पाई गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज सबसे ऊपर है. जिसमें 51 मुस्लिम छात्राओं में से 35 ने अपनी टीसी ले ली है. दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में 39 सरकारी, 36 सहायता प्राप्त कॉलेज हैं. हिजाब विवाद के केंद्र रहे अज्जरकाड में गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज में नौ छात्राओं ने अपनी टीसी ली है.
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