कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में RDA ने पूर्ण रूप से OPD में सेवाएं की बंद, 48 घंटे का अल्टीमेटम
सरकार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने 48 घंटे का समय दिया है। बात न मानने पर आपातकालीन सेवाएं बंद करने की चेतावनी दी है। बॉन्ड पॉलिसी को लेकर एमबीबीएस छात्रों का 24वें दिन भी धरना जारी है। चालीस लाख रुपये के बॉन्ड लागू करने का विरोध कर रहे हैं।
हरियाणा के करनाल में स्थित कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने गुरुवार को ओपीडी की अपनी सारी सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी। इससे पूर्व सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने लिखित में मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र दुरेजा और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. हिमांशु मदान को बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चल रहे एमबीबीएस के विद्यार्थियों धरने-प्रदर्शन को समर्थन देने की बात कही।
जिसमें कहा कि वे अपनी ओपीडी सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद कर रहे है। वहीं दूसरी ओर दोपहर डेढ़ बजे रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को 48 घंटे की समय दिया कि अगर सरकार 48 घंटे के बीच एमबीबीएस विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर कोई रास्ता नहीं निकालती है तो वे दिए गए समय के बाद अपनी आपातकालीन सेवाएं भी पूर्ण रूप से बंद कर देंगे।
सरकारी डॉक्टरों को अपने साथ मिलाने की तैयारी में विद्यार्थी
एमबीबीएस विद्यार्थियों को धरने में बैठे हुए 24वां दिन लग चुका है। इस दौरान आईएमए, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी अपना पूर्ण समर्थन दे दिया है। अब इसके बाद धरने पर बैठे एमबीबीएस के विद्यार्थी ओपीडी देख रहे सरकारी डॉक्टरों को भी अपने साथ मिलाने की तैयारी में जुट गए है। सूत्रों की माने तो गुप्त रूप से सरकारी डॉक्टरों के साथ एमबीबीएस विद्यार्थी और रेजिडेंट डॉक्टरों की बातचीत चल रही है हालांकि अभी तक बातचीत में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसको लेकर विद्यार्थियों का कहना है कि डॉक्टरों से अभी बातचीत चल रही है। अगर उनके पक्ष में डॉक्टर आते है तो सरकार जल्द से जल्द उनकी बातों को मान सकती है। जिसके लिए प्रयास जारी है।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री आवास का किया था घेराव
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस विद्यार्थियों ने बुधवार को बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में लगातार 23वें दिन शाम को विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए कूच की थी लेकिन 200 मीटर पहले ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। जिसके बाद चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला को ज्ञापन सौंपा था और बाद में विद्यार्थी कॉलेज कैंपस में लौट आए थे।
विद्यार्थी एक नवंबर से नहीं लगा रहे कक्षा
एमबीबीएस के विद्यार्थी एक नवंबर से कक्षाएं नहीं लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। धरने पर बैठे विद्यार्थियों ने बताया कि सरकार की इस बॉन्ड नीति के तहत एमबीबीएस के कोर्स की फीस बढ़ा दी गई है। अब एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थी को हर साल 9 लाख 20 हजार रुपये जमा करवाने होंगे।
साथ ही 80 हजार रुपये फीस भी जमा करवानी होगी। ऐसे में हर साल उन्हें 10 लाख रुपये कॉलेज में जमा कराने होंगे। उन्होंने कहा कि चार साल के कोर्स में एमबीबीएस के विद्यार्थियों को 40 लाख रुपये की फीस जमा करानी होगी। जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं। वह एमबीबीएस का कोर्स नहीं कर पाएंगे। जिससे बॉन्ड नीति के खिलाफ रोष है।
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