भूख हडताल के दूसरे दिन प्रदर्शन के दौरान चार MBBS विद्यार्थियों की बिगडी तबीयत, इमरजेसी में दाखिल
शुक्रवार को धरने के 25वें दिन सात एमबीबीएस विद्यार्थियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। एमबीबीएस के विद्यार्थी एक नवंबर से कक्षाएं नहीं लगा रहे हैं।
हरियाणा के करनाल में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में शनिवार को धरने के 26वें और भूख हड़ताल के दूसरे दिन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे सात एमबीबीएस विद्यार्थियों में से चार की तबीयत खराब हो गई। जिन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरने के 25वें दिन यानी एक दिन पहले शुक्रवार को सात एमबीबीएस विद्यार्थियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरू की थी। शाम को एमबीबीएस विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के परिसर से सेक्टर-12 स्थित डीसी ऑफिस में रोष मार्च के लिए निकले थे। जब विद्यार्थी डीसी कार्यालय के बाहर पहुंचे तो उस दौरान दो विद्यार्थियों की तबीयत खराब हो गई।
जिन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। वहीं दो विद्यार्थियों के भर्ती होने के एक घंटे बाद दो और विद्यार्थियों की तबीयत खराब हो गई। अभी फिलहाल चारों एमबीबीएस विद्यार्थियों को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। चार में से दो को ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई गई है।
एक नवंबर से नहीं लगा रहे कक्षा
एमबीबीएस के विद्यार्थी एक नवंबर से कक्षाएं नहीं लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। धरने पर बैठे विद्यार्थियों ने बताया कि सरकार की इस बॉन्ड नीति के तहत एमबीबीएस कोर्स की फीस बढ़ा दी गई है। अब एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थी को हर साल 9 लाख 20 हजार रुपये जमा करवाने होंगे।
साथ ही 80 हजार रुपये फीस भी जमा करवानी होगी। ऐसे में हर साल उन्हें 10 लाख रुपये कॉलेज में जमा कराने होंगे। उन्होंने कहा कि चार साल के कोर्स में एमबीबीएस के विद्यार्थियों को 40 लाख रुपये की फीस जमा करानी होगी। जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं। वे एमबीबीएस का कोर्स नहीं कर पाएंगे।
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