मेजर, कमांडर और कर्नल बन चुके दोस्तों ने 50 वर्ष बाद साझा की यादें

in #karnal2 years ago

करनाल। सैनिक स्कूल कुंजपुरा से पढ़ाई कर चुके ऐसे विद्यार्थी जो भारतीय सेना में मेजर, कमांडर, कर्नल और जनरल सहित अन्य उच्च पदों पर पहुंच चुके हैं, वे 50 वर्ष बाद अपने दोस्तों से मिलकर भावुक हो उठे और उस समय की यादों को ताजा किया, जब वे यहां पढ़ा करते थे। सैनिक स्कूल के पूर्व छात्रों की एसोसिएशन द कुंजियंस ने उन्हें मिलने का यह मौका दिया। रविवार को स्कूल में पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में गोल्डन जुबली वर्ष (1972-80) और सिल्वर जुबली वर्ष (1989-96 व 1990 से 97) में पढ़ चुके छात्र विशेष तौर पर पहुंचे। सुबह के नाश्ते से लेकर शाम की चाय तक सभी एक साथ रहे। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व एसएम लेफ्टीनेंट जनरल जय सिंह नैन ने शिरकत की। स्कूल प्रिंसिपल कर्नल विजय राणा और एसोसिएशन के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। सम्मेलन में न केवल पूर्व छात्रों ने अपने पुराने दिन याद किए बल्कि स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों को सुविधा प्रदान करते हुए गोल्डन जुबली बैच ने एनडीए ब्लॉक की छत पर सोलर प्लांट लगवाया, सिल्वर जुबली बैच ने विद्यालय के सिंहद्वार पर आगंतुकों के विश्राम के लिए विश्राम भवन का निर्माण और ड्रोन लैब तैयार कराई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुरातन छात्र के अध्यक्ष कैप्टन (इंडियन नेवी रिटायर्ड) आरएस दहिया ने की। इस अवसर पर उप प्राचार्य कमांडर तजिंदर सिंह गिल, प्रशासनिक अधिकारी स्क्वैड्रन लीडर सोनिया शर्मा और संजय चौहान मौजूद रहे। ब्यूरो

रस्साकशी और घुड़सवारी के हुए मुकाबले

कार्यक्रम में रस्साकशी और घुड़सवारी के रोमांचक मुकाबले हुए। सबसे पहले सिंहद्वार पर छात्रों का सम्मान होने के पश्चात शहीदों के स्मारक पर मुख्य अतिथि पूर्व लेफ्टीनेंट जनरल जय सिंह नैन ने पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद विद्यालय के पूर्व छात्र के नाम से अलंकृत संत कुमार स्टेडियम में वर्तमान छात्रों द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी, पर्वतारोहण की छायाचित्र प्रदर्शनी और कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। महिला शक्ति को सम्मान देते हुए महिलाओं के लिए विशेष खेलों का आयोजन किया गया। पुरातन और नूतन छात्रों के मध्य रस्साकशी प्रतियोगिता भी संपन्न हुई।

हर क्षेत्र में नई पहचान बना रहे कुंजीयन

सांस्कृतिक संध्या को संबोधित करते हुए पूर्व लेफ्टीनेंट जनरल जय सिंह नैन ने कहा कि कुंजीयन छात्रों का जोश और जज्बा ही इन्हें समस्त सैनिक स्कूलों में एक अलग पहचान दिलाता है। सैनिक स्कूल के छात्र न केवल सैनिक स्कूलों में अपना परचम लहरा रहे हैं, जबकि हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। सेना से लेकर प्रशासनिक सेवाओं में यहां के पूर्व छात्र कार्यरत हैं।

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