करनाल मेडिकल कॉलेज यौन उत्पीड़न मामला:आरोपी ओटी ट्रेनर नौकरी से बर्खास्त,

in #karnal2 years ago

हरियाणा के करनाल स्थित कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में छात्राओं के साथ शारीरिक व मानसिक शोषण की रिपोर्ट शुक्रवार को गुरुग्राम में विधानसभा कमेटी के सामने रखी गई। कमेटी ने तुरंत आरोपी ओटी ट्रेनर पवन को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद आरोपी को बर्खास्त करने की तैयारी शुरू हो गई है।

इसके लिए विधानसभा कमेटी की सिफारिश हेल्थ विभाग जाएगी, वहां से आरोपी के बर्खास्तगी का आदेश आएगा।

विधानसभा कमेटी ने कहा कि यदि पीड़ित लड़कियां चाहती हैं कि पवन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो तो वह अपने स्तर पर एफआईआर दर्ज करा सकती हैं। कमेटी ने एक्शन ले लिया है। कानूनी कार्रवाई के लिए अब लड़कियों को स्वयं पहल करनी होगी।

डायरेक्टर से भी किए सवाल जवाब

रिपोर्ट के साथ कॉलेज के डायरेक्टर डॉक्टर जगदीश दूरेजा को भी गुरुग्राम में तलब किया गया था। उनसे भी सवाल जवाब किए गए। उन्हें हिदायत दी कि वह लड़कियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाए।

21 जनवरी को कॉलेज आई थी टीम

बतां दें कि 21 जनवरी को कॉलेज में विधायक सीमा त्रिखा की अध्यक्षता में 10 विधायकों की कमेटी कॉलेज में निरीक्षण के लिए पहुंची थी। उसी दिन छात्राओं ने ओटी ट्रेनर पवन पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।

हालांकि रिपोर्ट विधानसभा कमेटी को सौंपने से पहले ही ओटी पवन को सस्पेंड कर दिया गया था। यानी कॉलेज की आंतरिक जांच कमेटी ने छात्राओं के आरोपों को सही माना। विधानसभा कमेटी से सवाल उठाया कि आरोपी पर इतने संगीन आरोप में सस्पेंशन कोई ठोस कार्यवाही नहीं है। इसलिए आरोपी को नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

अभी डायरेक्टर और एचओडी को क्लीन चिट नहीं

विधानसभा कमेटी ने डायरेक्टर जगदीश दूरेजा और एचओडी डॉक्टर फौजिया को क्लीन चिट नहीं दी है। अभी रिपोर्ट पर गहराई से जांच होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। टीम के एक सदस्य ने बताया कि यदि डायरेक्टर और अन्य कोई भी आरोपी पाया जाता है तो निश्चित ही उसके खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

पीड़ित छात्राओं को करनी चाहिए शिकायत

इधर, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की एडवोकेट आरती अग्रवाल ने बताया कि पीड़ित लड़कियों को कमेटी की रिपोर्ट लेकर पुलिस के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो आरोपी विधानसभा कमेटी के निर्णय को लेकर कोर्ट में भी जा सकता है। अब लड़कियों को चाहिए कि अपने स्तर पर एक शिकायत दर्ज कराएं। इसमें सारे तथ्यों को रखा जाना चाहिए। इतना ही नहीं सरकार को भी चाहिए कि आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी जाए। क्योंकि कॉलेज प्रबंधन भी इस तरह की पहल कर सकता है।

_1676017778.jpg