आज घरों और पंडालों में विराजेंगे गजानन, स्वागत को तैयार भक्त
करनाल। गणेश चतुर्थी पर बुधवार को गजानन घरों और पंडालों में विराजेंगे। जिनका स्वागत करने के लिए भक्त तैयार हैं। 10 दिन तक गणपति जी की लगातार पूजा-अर्चना के बाद उनकी प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। श्री श्याम बाला जी ज्योतिष केंद्र के संचालक पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि घर में गणेश जी की मूर्ति लाते समय, उनकी मुद्रा पर ध्यान देना न भूलें। आदर्श रूप से, ललितासन में गणेश जी की मूर्ति को सबसे अच्छा माना जाता है। इसे बैठे हुए गणेश जी के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा गणपति बप्पा के चित्र या लेटने की मुद्रा में गणेश जी की तस्वीर भी बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं। क्योंकि यह आराम और धन का प्रतिनिधित्व करती है।
अपने घर के लिए गणपति जी की मूर्ति चुनते समय, गणेश जी की सूंड पर ध्यान देना आवश्यक है। वास्तु के अनुसार गणेशजी की मूर्ति की सूंड बाईं ओर झुकी होनी चाहिए, क्योंकि यह सफलता और समृद्धि की दिशा मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि दाईं ओर झुकी हुई सूंड वाली गणेशजी को प्रसन्न करना थोड़ा कठिन होता है।
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