Haryana: नेशनल हाईवे जाम करने में गुरनाम चढूनी, राकेश बैंस सहित 500 से अधिक किसानों पर केस

in #karnal2 years ago

किसानों ने धान खरीद की मांग का लेकर नेशनल हाईवे पर जाम लगाया था। प्रदेश की मंडियों में पहुंची धान की तुलवाई और भरवाई सरकार की जिम्मेदारी है। खरीददारी शुरू होने पर जे-फार्म कटेंगे। पांच जिलों में प्रति एकड़ 30 क्विंटल और अन्य स्थानों पर 28 क्विंटल धान की खरीद होगी।

धान खरीद शुरू किए जाने और अन्य मांग को लेकर नेशनल हाईवे जाम करने पर पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी सहित 500 से अधिक किसानों पर मामला दर्ज किया है। शाहाबाद डीएसपी जयसिंह ने बताया कि नियमानुसार यह कार्रवाई की गई है।

नामजद किसानों में चढूनी, राकेश बैंस, जसबीर मामूमाजरा सहित 500 से अधिक लोग शामिल हैं। उधर भाकियू प्रवक्ता राकेश बैंस का कहना है कि प्रशासन द्वारा दर्ज किए गए मामले से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रशासन का यह प्रयास उन्हें कमजोर करने का है, लेकिन किसानों के हित में भविष्य में भी लड़ाई जारी रहेगी।

21 घंटे बाद नेशनल हाईवे से हटे किसान, छह दौर की वार्ता के बाद बनी सहमति
धान की सरकारी खरीद सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों की ओर से किया गया हाईवे जाम 21 घंटे बाद शनिवार को 10 बजे के करीब खुल गया। इससे पुलिस-प्रशासन के साथ ही राहगीरों ने भी राहत की सांस ली। इससे पहले प्रशासन के साथ छह दौर की वार्ता के बाद किसानों की मांगों पर सहमति बनी।

इसके तहत सुबह किसानों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया कि प्रदेश की मंडियों में अब तक पहुंच चुकी और एक अक्तूबर तक आने वाली धान की तुलवाई व भरवाई करवाना सरकार की जिम्मेदारी होगी, लेकिन फसल के जे-फार्म धान की विधिवत खरीद शुरू होने के बाद काटे जाएंगे। वहीं पांच जिलों में प्रति एकड़ 30 क्विंटल और अन्य स्थानों पर प्रति एकड़ 28 क्विंटल धान की खरीद सरकार द्वारा की जाएगी।

पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए सुरक्षा इंतजामों और बैरिकेडिंग को ध्वस्त कर भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में किसानों ने शुक्रवार दोपहर एक हाईवे पर डेरा डाल दिया था। अधिकारियों के लाख समझाने और आश्वासनों के बावजूद किसान टस से मस नहीं हुए और धान की सरकारी खरीद शुरू कराने की मांग पर अड़े रहे।

पूरी रात बूंदाबांदी और बारिश के बीच किसान हाईवे पर टेंट डालकर पड़े रहे। दूसरी ओर जीटी रोड जाम से मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घंटों इंतजार के बाद भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस-प्रशासन की ओर से वाहनों को डायवर्ट कर यातायात सुचारु करने का प्रयास किया गया।

इसी बीच शुक्रवार की देर रात ही हाईकोर्ट में एडवोकेट रणदीप तंवर की ओर से एक जनहित याचिका लगाई गई और हाईवे खुलवाने का अनुरोध किया गया। इस पर हाईकोर्ट ने रात को ही सुनवाई की और प्रशासन को जाम खुलवाने के आदेश दिए। ऐसे में शनिवार की सुबह ही अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश लेकर किसानों के बीच पहुंच गए थे। ऐसे में जाम न खुलने पर बल प्रयोग की भी आशंका जताई जा रही थी।

मौके पर पहुंचे उपायुक्त शांतनु शर्मा ने सुबह करीब आठ बजे अपने फोन से फूड एंड सप्लाई विभाग के सचिव के साथ भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की बातचीत करवाई। इसके बाद शासन-प्रशासन के प्रस्ताव पर किसानों ने सहमति जताई। फिर उपायुक्त शांतनु शर्मा ने सरकार के इस प्रस्ताव को किसानों के मंच पर आकर रखा। इसके बाद करीब 10 बजे किसानों ने जाम खोल दिया। इस अवसर पर भाकियू के प्रेस प्रवक्ता राकेश बैंस, जसबीर सिंह मामूमाजरा, हरकेश खानपुर, संजू गुदियाना, महावीर चहल, कर्म सिंह मथाना, प्रेम हिंगाखेड़ी, पंकज हबाना, मलकीयत सिंह, प्रिंस, अजय राणा, संदीप सिंह गोरा मौजूद रहे।

किसानों से डरी सरकार, हाईकोर्ट का लिया सहारा : चढ़ूनी
धरना समाप्त करने के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार किसानों से डरती है। यही कारण है कि हाईवे से जाम खुलवाने के लिए सरकार रात को जनहित याचिका के जरिए हाईकोर्ट जा पहुंची। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को भी किसानों को सड़क से हटाने के निर्देश देने से पहले यह विचार करना चाहिए था कि आखिर किसान सड़क पर बैठेने के लिए क्यों मजबूर हुए। चढूनी ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी जनता की समस्याओं को हल करने की होती है न कि मुकाबला करने की।

नोट : इन जिलों में प्रति एकड़ 30 क्विंटल धान की खरीद : कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, यमुनानगर।

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