बिन सावन बरसे बादल, ल्या दे घुंघरू आली पायल

in #karnal2 years ago

करनाल। जिला स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव में हरियाणवी संस्कृति के साथ बारिश के गीतों के बीच प्रतिभागियों ने खूब रंग जमाया। ‘बिन सावन बरसे बादल, ल्या दे घुंघरू आली पायल...’ व ‘गई हाल सिर पर दोगड़ पानी छलके, मेरे काले रंग के दामन की झोल कसूती हो...’ जैसे प्रसिद्ध गीतों पर छात्राओं ने नृत्य की प्रस्तुतियां दी। इसके अलावा स्किट और रागनी के माध्यम से वर्तमान हालात पर प्रकाश डाला।
राजकीय कन्या मॉडल संस्कृति स्कूल रेलवे रोड में हुए कार्यक्रम में कक्षा नौवीं से 12वीं के 650 प्रतिभागियों ने प्रस्तुतियां दी। वीरवार सुबह कार्यक्रम की शुरुआत बरसात के बीच ही हुई। टैंट के बजाय कई विधाएं कमरों में कराई गईं। वहीं नृत्य की प्रस्तुति पार्किंग शेड के नीचे बने मंच पर हुई। जहां प्रतिभागियों ने हरियाणवी संस्कृति के रंग बिखेरे।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा ने किया। अंतिम दिन उन्होंने विजेता टीमों को सम्मानित किया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता नोडल अधिकारी एवं प्रिंसिपल मोहिंद्र नरवाल और मनदीप शर्मा ने की। इस अवसर पर एपीसी डॉ. सचिन और ईशा चौधरी मौजूद रहे।
ये रहे परिणाम
एकल नृत्य : जीजीएमएसएसएसएस रेलवे रोड प्रथम, जीजीएसएसएस असंध द्वितीय, जीएसएसएस नीलोखेड़ी तृतीय और जीएमएसएसएस ब्याना को सांत्वना पुरस्कार
समूह नृत्य : जीजीएमएसएसएसएस रेलवे रोड प्रथम, जीजीएमएसएसएस असंध द्वितीय, जीएसएसएस इंद्री तृतीय और जीएमएसएसएस ब्याना को सांत्वना पुरस्कार
स्किट : जीजीएमएसएसएसएस रेलवे रोड प्रथम, जीजीएसएसएस जुंडला द्वितीय, जीएसएसएस नीलोखेड़ी तृतीय और जीएमएसएसएस ब्याना को सांत्वना पुरस्कार।
रागनी : जीएमएसएसएस ब्याना प्रथम, जीजीएमएसएसएसएस रेलवे रोड द्वितीय, जीएसएसएस चिढ़ाव तृतीय और जीएसएसएस इंद्री को सांत्वना पुरस्कार।

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