एनडीआरआई को अब वैश्विक पशु विश्वविद्यालय बनाने की पैरवी

in #karnal2 years ago

करनाल। एनडीआरआई (दि नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट) करनाल को अब वैश्विक पशु विश्वविद्यालय (ग्लोबल एनिमल यूनिवर्सिटी) बनाने की पैरवी शुरू हो गई है। विभिन्न अनुसंधानों के लिए प्रख्यात यह संस्थान देश का बड़ा डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट है। यहां किए गए कई अनुसंधान तो दुनिया भर में इस क्षेत्र में एक नई क्रांति साबित हुए हैं। इसी के चलते अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक एवं सचिव (डेयरी) डॉ. हिमांशु पाठक ने भी यह मांग उठाई है कि एनडीआरआई को वैश्विक पशु विश्वविद्यालय बनाए जाना चाहिए।
डॉ. पाठक वीरवार को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) करनाल पहुंचे थे। यहां उन्होंने आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों के निदेशकों, वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि 21 करोड़ टन दुग्ध उत्पादन देश की एक बड़ी उपलब्धि है। क्लोनिंग क्षेत्र में विशिष्ट कार्य और पिछले पांच वर्षों से लगातार सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने के लिए एनडीआरआई को बधाई दी। इसी दौरान उन्होंने कहा कि एनडीआरआई को अब वैश्विक पशु विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए।

एनडीआरआई के डी. सुदर्शन सभागार में डॉ. पाठक का स्वागत एनडीआरआई के निदेशक डॉ. धीर सिंह ने किया। अजैविक तनाव, जलवायु परिवर्तन और मृदा विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत वैश्विक ख्याति के वैज्ञानिक एवं महानिदेशक डॉ. पाठक ने कहा कि 100 वर्षों से एनडीआरआई ने सराहनीय कार्य किए हैं। आईसीएआर को एनडीआरआई के कार्यों व उपलब्धियों पर गर्व है। लिहाजा करनाल मॉडल व ग्लोबल मॉडल विकसित करने के लिए कृषि और पशु संस्थान दोनों मिलकर काम करना चाहिए।
उनके अनुसार सभी डीम्ड विश्वविद्यालयों को नई प्रवेश नीतियों के अनुसार न्यूनतम 3000 छात्रों को प्रवेश देना चाहिए। हमें अपने पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए दिन-रात काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा सृजित 70 प्रतिशत धनराशि वर्तमान संस्थानों में रहेगी। शक्तियों के प्रत्यायोजन का विकेंद्रीकरण किया जाएगा। किसानों को जारी करने से पहले सभी तकनीकों का परीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने एक अक्तूबर से आईसीएआर के संस्थानों पर सप्ताह में पांच दिन कार्य की व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की।
इस मौके पर उप महानिदेशकों में डॉ. बीएन त्रिपाठी, डॉ. एके सिंह, डॉ. तिलक राज शर्मा, डॉ. एसएन झा, डॉ. एसके चौधरी, डॉ. अग्रवाल आदि शामिल रहे। उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. बीएन त्रिपाठी ने एनडीआरआई की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि आज देश का दुग्ध उत्पादन 21 करोड़ टन हो गया है, ये हमारे देश की बड़ी उपलब्धि है। हम निरंतर इस पर कार्य कर रहे हैं। वैज्ञानिक डॉ.एके सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बाद में राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन किया गया।

advocating-to-make-ndri-a-global-animal-university_1663275244.jpegपांच दिन के कार्य की होगी व्यवस्था

वैज्ञानिकों ने महानिदेशक के एलान के बाद बताया कि अभी माह के दूसरे शनिवार को अवकाश होता है, लेकिन एक अक्तूबर के बाद हर सप्ताह शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। हालांकि कार्य दिवस का समय बढ़ाया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने एलान किया कि अक्तूबर से देश में आईसीएआर के सभी संस्थानों में सप्ताह में पांच दिन के कार्य की व्यवस्था शुरू करेंगे।