मेरठः साढ़े तीन करोड़ की कांवड़, किसने और क्यों बनाई; इसकी खासियत
वेस्ट यूपी में इन दिनों कांवड़ियों का सैलाब नजर आ रहा है। शिवभक्तों के बीच अपनी-अपनी कांवड़ से लोगों को आकर्षित करने की होड़ दिखती है। ऐसे में मेरठ के मोनू की करीब साढ़े तीन करोड़ से अधिक खर्च कर तैयार की गई लेजर और रंगबिरंगी लाइटों से सजी डीजे कांवड़ सुर्खियों में है।
शिवभक्तों ने इस कांवड़ को भगवान शंकर के साथ देश के शहीदों और राष्ट्र को समर्पित किया। टोली में शामिल अर्पित ने बताया कि उन्होंने समिति बना रखी है। सभी चंदा जुटाकर करके तैयारियां करते हैं। इस बार रास्ते में इस कांवड़ ने खूब पुरस्कार बटोरे।दावा है कि पूरी यात्रा में उनकी कांवड़ पहले स्थान पर रही। मेरठ निवासी मोनू डीजे की टीम हरिद्वार से गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर से निकली। कांवड़ और डीजे का सेटअप साढ़े तीन से अधिक का बताया जा रहा है। यह कांवड़ सोशल पर खूब वायरल हो रही है। कांवड़ पर मनमोहक झांकियां लगी है। इन झांकियों को देखकर श्रद्धालु आकर्षित हो रहे हैं।
डीजे कंप्टीशन और पुरस्कार
हरिद्वार से गंगाजल लेकर पश्चिमी यूपी के साथ दिल्ली-हरियाणा तक के कांवडिए मुजफ्फरनगर-मेरठ से गुजरते हैं। पूरे रास्ते इनमें डीजे का कंप्टीशन होता रहता है। रास्तें में कांवड़ सेवा शिविर के आयोजक इन्हें पुरस्कार भी देते हैं। पुरस्कारों में शील्ड-प्रमाणपत्र के साथ नगद पुरस्कार भी दिए जाते हैं। पिछले वर्षों में दिल्ली और हरियाणा की कांवड़ आकर्षण का केंद्र होती थीं लेकिन इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश का दबदबा रहा।हे पहली बार दो मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने तरीके से कांवड़ियों का स्वागत अभिनंदन किया। वर्ष 2017 में योगी की सरकार बनने के बाद कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की भी परंपरा शुरू हुई। इस बार मुजफ्फरनगर-मेरठ और बागपत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारियों ने हैलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की। वहीं, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ियों के चरण पखारे।