पेट्रोलियम की तर्ज पर बाकी उत्पादों में कम हो एक्साइज:
पेट्रोल-डीजल के दामों में एक्साइज ड्यूटी कम करने का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) ने स्वागत किया है। इसे बड़ी राहत बताते हुए कैट के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोरा ने कहा की इस छूट से अब रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कम से कम 10 % की कमी होनी चाहिए। इसी तरह अन्य वस्तुओं में लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में भी कमी कर कीमतें घटाई जा सकती हैं, क्योंकि उन चीजों को बनाने में आवश्यक रॉ मैटीरियल की माल ढुलाई की कीमत कम होगी जिससे इनके दामों में भी कमी आनी चाहिए। कैट ने यह भी कहा की सभी राज्यों को भी वैट की दरों में कमी करनी चाहिए तभी जनता को महंगाई से अच्छी राहत मिल सकेगी ।
बड़े मैन्युफैक्चरर कम करें दाम
पंकज अरोरा ने कहा कि बड़े मैन्युफैक्चरर को भी अपने प्रोडक्ट्स के दामों को कम करना चाहिए। अक्सर इस तरह की कमी का लाभ जनता को नहीं मिल पाता है। देश में सभी सामानों की 80% तक आवाजाही सड़क परिवहन के जरिए होती है, यह व्यवस्था पेट्रोल-डीजल पर आधारित है।
पेट्रोल-डीजल पर आधारित है व्यवस्था
उन्होंने बताया कि सबसे पहले किसी भी वस्तु को बनाने के लिए रॉ मैटीरियल की ढुलाई होती है और उसके बाद फैक्ट्री से कंज्यूमर्स तक कम से कम तीन बार रोड ट्रांसपोर्ट का उपयोग होता है।
हर चरण में पेट्रोल-डीजल की बड़ी खपत होती है। सरकार ने करीब 10% पेट्रोल पर और 8 फीसदी डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की है। इस तरह एक मोटे अनुमान के अनुसार, इस कमी के बाद सभी वस्तुओं के दामों में करीब 10% की कमी होनी चाहिए जिसका लाभ सीधे कंज्यूमर्स को मिलना चाहिए।
मैन्युफैक्चर्स रख लेते हैं फायदा
अरोरा ने कहा की पूर्व में कई बार देखा गया है की जब भी सरकार टैक्स में इस तरह की छूट देती है तो बड़े निर्माता इसका लाभ अपने पास ही रखते हैं और कभी भी अपने प्रोडक्ट्स के दामों में कमी नहीं करते।
सरकार की निगरानी जरूरी
अरोरा ने सरकार से आग्रह किया है कि लोगों को लाभ देने के लिए बड़े मैन्युफैक्चरर अपनी वस्तुओं की कीमतों में तुरंत कमी करे, इस पर निगरानी रखनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो लोग महंगाई में पिसते ही रहेंगे।
उन्होंने सुझाव देते हुआ कहा की सरकार रोजमर्रा के जरूरी प्रोडक्ट्स , खाद्य पदार्थ, तेल आदि बनाने वाले मैन्युफैक्चरर को निर्देश दें की एक्साइज ड्यूटी की छूट के पहले और बाद की वस्तुओं की कीमतों का तुलनात्मक चार्ट सार्वजनिक करे जिससे यह पता लगे की कीमतें घटाई गई कि नहीं।
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ABPNEWS
(स्पैशल-राजस्थान हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश)