फाइलेरिया दिवस 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक मनाया जाए- जिलाधिकारी

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कानपुर देहात जिलाधिकारी आलोक सिंह समस्त जनपद वासियों से अपील की है कि फाइलेरिया मुक्ति अभियान के तहत प्रशिक्षित डी.ए. टीम व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सर्वजन दवा सेवन के तहत एल्बेंडाजोल, डी.ई.सी. व आइवरमेक्टिन (03 औषधियों) का सेवन आयुवर्ग, लम्बाई व मानक के अनुसार 10 अगस्त से 02 सितंबर तक कराया जायेगा। फाइलेरिया रोग से वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 51 जनपद प्रभावित है फाइलेरिया (स्लउचींजपब पिसंतपेंपे) एक परजीवी जन्य संक्रामक बीमारी है जो धागे जैसे कृमियों से होती है। फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। संक्रमित मच्छर के काटने से 10-15 वर्षों के पश्चात यह हाथ, पैर, स्तन या अंडकोश में सूजन (हाइड्रोसील) पेशाब में सफेद रंग के द्रव का स्राव (काइल्यूरिया), लंबे समय से सूखी खासी आना (ट्रोपिकल स्स्रोफीलिया) आदि के रूप में दिखाई देता है। फाइलेरिया रोग (हाथीपांव) एक लाइलाज बीमारी है। अतः इस बीमारी से बचाव के लिए फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन ही एक मात्र उपाय है।
यह दवा गर्भवती माताओं, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों व गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी लोगो को खाना खाने के बाद खानी है। आप सभी लोग इन दवाइयों का सेवन डी.ए. टीम/स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही करें और अपने परिवार में भी सभी लोगो को दवा का सेवन जरूर कराएं।