पंचतत्व में विलीन होने तक रखा कन्नौज इत्रनगरी से वास्ता
कन्नौज। धरती पुत्र और नेताजी के नाम से विख्यात रहे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने प्राण त्यागने के बाद भी इत्र नगरी से वास्ता रखा। उनका पार्थिव शरीर कन्नौज से गई चंदन की लकड़ी के साथ पंचतत्व में विलीन हुआ। यह लकड़ी सपा कार्यकर्ता और इत्र व्यवसाई लेकर सैफई पहुंचे थे।
इटावा के बाद कन्नौज से मुलायम सिंह यादव परिवार का गहरा लगाव रहा है। इसी वजह से वर्ष 1998 में सपा से प्रदीप यादव कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनने के बाद 1999 में खुद मुलायम सिंह यादव सांसद बने थे। सीट खाली करने के बाद अखिलेश यादव सांसद चुने जाते रहे। उपचुनाव समेत दो बार डिंपल यादव भी लोकसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व कर चुकीं हैं।
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राजनीति के अलावा निजी कार्यक्रमों के अलावा लोगों के सुख और दुख में भी यह परिवार शामिल होता रहा है। मंगलवार को जब सैफई में नेताजी पंचतत्व में विलीन हुए तो कन्नौज से गई चंदन की लकड़ी की खुशबू भी बिखरी। कन्नौज से सैफई जाने वालों में बृजेंद्र नारायण सक्सेना, अंशुल गुप्ता, दिलीप गुप्ता, पूर्व चेयरमैन हाजी मोहम्मद रईस व कैश खां आदि भी शामिल हैं। बताया गया है कि जब भीड़ अधिक हो गई तो मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव को निवेदन करना पड़ा कि आप लोग अब घर जाएं।
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