भाईचारे के साथ मनाई कजलियां

in #kajlis2 years ago (edited)

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  • कजलियां के प्रति बच्चों में रहा उत्साह
  • रंगरेज घाट में भरा कजलियां मेला

मंडला। रंगरेज घाट में कजलियां मेला पराम्परागत तौर तरीके से भरा गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यहां मेले का आयोजन रंगरेज घाट के गांधी मैदान में किया गया। कंजलिया मेले में लोग उत्साह के साथ कजलिया विसर्जन के लिए पहुंचे। मेला स्थल पर पहुंचे लोगों में उत्साह देखा गया, क्योकि विगत दो वर्षो से कोविड के कारण यह कंजलिया मेला नहीं लग रहा था, इस वर्ष परंपरागत रूप से यह मेला प्रतिवर्षानुसार लगा। रंगरेज घाट के गांधी मैदान व आसपास के स्थल में मेला आयोजन किया गया। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई गई। सड़क के आसपास दुकानें लगाई गई थी, स्थान के अभाव के कारण मेला स्थल पर झूले कम लगाये गये थे। फिर भी लोगों ने बढ़-चढ़कर मेले में शिरकत की। शहर सहित आसपास के ग्रामों से बड़ी संख्या में लोग मेले में आये। शाम से मेले की रंग्गत बढऩे लगी। सुरक्षा के लिहाज से रंगरेज घाट तथा मेला स्थल पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। घाट में गोताखोर तैनात किये गये थे। मेले स्थल पर वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया था।

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  • भाईचारे के साथ मनाई कजलियां :
    रक्षा बंधन पूर्व घरों में बोए गए कजलियों का सोमवार को विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया। हिन्दु परम्परा के अनुसार रक्षा बंधन के दूसरे दिन आपसी भाईचारे का त्यौहार कजलियां पूरे जिले में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने-अपने घरों में बोए गए कजलियां की नित पूजन-अर्चन किया जाता है। जिसका शुक्रवार को संध्याकाल में जलाशयों एवं नदी तट में कजली विसर्जन कर अन्न देवता से अच्छी फसल के लिय प्रार्थना की गई। लोगों ने रंगरेज घाट, रपटा घाट, रंगरेज घाट, नांव घाट, नाना घाट, दादाधनीराम घाट आदि नर्मदा तटों में कजनियां विसर्जित की तथा मां नर्मदा का पूजन अर्चन किया।

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  • होती है धन धान्य की कामना-
    ग्रामीण अंचलों में कजलियों का एक विशेष महत्व होता है। रक्षा बंधन के 8 दिन पूर्व कजलियों को घरों के पूजा स्थान में बोया जाता है। जिसका रक्षाबंधन के दूसरे दिन समीपी जलस्त्रोतों में विसर्जन किया जाता है और कुछ कजलियों को बचाकर अपने मित्रों सहेलियों, माता पिता सहित अन्य बड़े बुजुर्गों के कान एवं हाथ में रखकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। प्रेमसिंह सैयाम ने बताया कि कजलियां का पर्व अच्छी फसल होने की कामना के लिए मनाया जाता है। घर में बोए जाने वाले कजलियों के साथ-साथ हम खेत की मेढ़ में भी पूजा करते है। जिससे की खेतों में अच्छी पैदावार हो सके।

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  • सहस्त्रधारा में रही रौनक
    राखी पर्व के चलते शहर के समीपस्थ पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में खासी रौनक रही। छुट्टी के चलते लोग सहस्त्रधारा में नर्मदा के व्यापक स्वरूप को निहारने पहुंचे। कजलियां पर्व में भी लोगों ने इस पर्यटन का भ्रमण किया। सहस्त्रधारा पिकनिक स्पॉट में पहुंचकर लोगों ने मस्ती की। बरसात के चलते नर्मदा का जल स्तर बढ़ गया था, जिससे सहस्त्रधारा का सौंदर्य और निखर रहा था। लोगों ने प्रकृति की इस खूबसूरती को अपने कैमरें में कैद कर लिया।
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Kajraiya ki hardik badhai AVN bahut acche se is tyohar ko manaya Gaya aise hi sauhadra purn se har tyohar manaya jaaye