रात में सोते समय बार-बार इस चीज का होना खराब राहु का है संकेत, तुरंत करें ये उपाय
ज्योतिष शास्त्र अनुसार हर ग्रह हमारे जीवन को किसी न किसी तरीके से प्रभावित करता है। बात अगर राहु की करें तो इसका हमारे जीवन पर विशेष तौर पर प्रभाव पड़ता है। कुंडली में राहु की कमजोर स्थिति व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर देती है। राहु खराब होने पर व्यक्ति की रातों की नींद उड़ जाती है और हर समय तनाव बना रहता है। इतना ही नहीं और भी कई संकेत हैं जो राहु की खराब स्थिति को दर्शाते हैं। जानिए इन संकेतों के मिलने पर तुरंत क्या उपाय आजमा सकते हैं।
राहु-केतु ग्रह: ये ग्रह राजा को रंक तक बना सकता है। राहु-केतु दोनों ही छाया ग्रह हैं। जिस व्यक्ति पर राहु-केतु को नकारात्मक प्रभाव पड़ता है उसके जीवन में उथल-पुथल मच जाती है। इसलिए राहुकाल में किसी भी तरह के शुभ कार्य करने भी वर्जित होते हैं। कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर राहु का प्रभाव अलग-अलग रूपों में पड़ता है। यहां हम आपको राहु की दशा से मिलने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताएंगे। साथ ही इससे बचने के उपाय भी आप जानेंगे।
कुंडली में राहु की अशुभ स्थिति: जिन लोगों की कुंडली में ये ग्रह मजबूत होता है उन्हें तमाम सफलता प्राप्त होती है। वहीं इसके कमजोर होने पर व्यक्ति का जीवन दुखों से भर जाता है। कुंडली में राहु का निर्बल प्रभाव और दशा व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम करती हैं। ज्योतिष में राहु को मजबूत करने के लिए भी कई उपाय बताए जाते हैं।
राहु के कमजोर होने पर ये मिलते हैं संकेत:
-व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता है।
-घर में हमेशा कलह का माहौल बना रहता है।
-व्यक्ति को नशे की आदत लग जाती है।
-बात-बात पर तेज गुस्सा आता है।
-रात में सोते समय बार-बार नींद टूटती है।
-रात में सोते समय बुरे सपने आते हैं या बेचैनी महसूस होने लगती है।
-पैट संबंधी दिक्कतें बनी रहती हैं।
राहु को मजबूत करने के उपाय:
-राहु को मजबूत करने के लिए चांदी से बने 2 सांप को बहते हुए जल में प्रवाहिक करना चाहिए।
-शनिवार का व्रत रखने से भी राहु दोष से मुक्ति मिलने की है मान्यता।
-घर के पूजास्थल पर राहु यंत्र स्थापित कर सकते हैं। प्रतिदिन उस यंत्र की अराधना भी जरूर करें।
-अगर नींद की समस्या से परेशान हैं तो रात में सोते समय सिरहाने पर जौ के कुछ दाने रखें और फिर सुबह उन्हें किसी जरूरतमंद को दान दे दें।
-राहु के बीज मंत्र ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः’ का 18,000 बार उच्चारण करें।