पौराणिक परम्पराओं को जीवित रखने के लिए हस्तोला मेले का भव्य आयोजन।

in #joshimath2 years ago

IMG-20220424-WA0004.jpg

जोशीमठ 24 अप्रैल, 2022। देव भूमि उत्तराखंड के सीमांत वर्ती क्षेत्र जोशीमठ के कई गांवों में बैसाखी पर्व से माँ भगवती की डोलियां अपने मायके आ जाती है। और क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा अपने गांव एवं क्षेत्र की खुशहाली के लिए देवी की डोलियां एवं देवताओं के प्रतीक चिन्हों का नृत्य शुरू हो जाता है। वहीं इसका समापन अलग अलग गांवो में अपनी पौराणिक परम्पराओं के आधार पर ही भव्य मेले के रूप में होता है।
IMG-20220424-WA0006.jpg

उत्तराखंड के जोशीमठ से तपोवन मार्ग पर पड़ने वाली ग्राम सभा बड़ागांव के ग्रामीणों द्वारा भी इस बार हस्तोला मेले का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यतया मुखौटा नृत्य ,चार पहलवानों का युद्ध, मोरी- मोरान का नृत्य, कूरा जोगी एवं मूक मंचन रामायण इस मेले का मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।
IMG-20220424-WA0005.jpg

मेले के अंत में माँ भगवती दुर्गा माता द्वारा महिषासुर राक्षस (हस्ती) का वध करने के साथ ही हस्तोला मेले का समापन हुआ। दूसरे दिन क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा मां भगवती को नम आँखों से कैलाश के लिए विदा किया जाता है। उधर इस हस्तोला मेले को देखने के लिए दूर दराज क्षेत्रों से आये हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Sort:  

हमारी खबरों को भी लाइक करें।

आपकी खबरें तो like की जा रही हैं

कृपया अपना मोबाइल नंबर भेज दीजिए

कृपया अपना मोबाइल नम्बर भेज दीजिए।