जोधपुर
जेडीए मेहरानगढ़ तक सड़क बनवाने के लिए करीब 10 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।
घोड़ाघाटी से सीधे मेहरानगढ़ तक जाने के लिए बनाई जा रही सड़क के बीच आ रहे पेड़ों को बचाने के प्रयास शुरू हो गए है। निर्माण के दौरान कम से कम पेड़ हटाने के लिए इसकी डिजाइन में परिवर्तन किया गया है। अब आईलैंड बनाकर पेड़ों को सुरक्षित कर दिया जाएगा और आईलैंड के दोनों तरफ से सड़क निकाली जाएगी।
जेडीए की ओर से मेहरानगढ़ तक पर्यटकों की राह को सुगम करने के लिए करीब 10 करोड़ की लागत से इस सड़क का निर्माण करवाया जा रहा है। पहाड़ों को चीर कर फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। सड़क का काम शुरू होने के बाद पहाड़ों को काट कर सड़क आगे बढ़ी तब हरियाली कटने की समस्या सामने आ गई।
मेहरानगढ़ की तरफ से प्रवेश करने पर बड़ी संख्या में पेड़ लगे हुए हैं। जब निर्माण के दौरान 100 से अधिक पेड़ों को काटने की आवश्यकता जताई गई तो पर्यावरणप्रेमियों ने आपत्ति जताई। प्रभारी मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा गया। विवाद बढ़ता देख जेडीए के इंजीनियर्स ने डिजाइन में बदलाव किया। जहां सड़क मेहरानगढ़ पार्किंग के सामने से निकलती है, वहां पर आइलैंड बना कर दो तरफ रास्ता निकालने का सुझाव दिया गया। जिस पर अब सहमति बन गई है।
नई डिजाइन बनने से अब बिजलीघर के सामने के 10-12 पेड़ ही काटे जाएंगे।
नई डिजाइन बनने से अब बिजलीघर के सामने के 10-12 पेड़ ही काटे जाएंगे।
2.5 किमी सड़क 7 मीटर चौड़ी होगी, डिवाइडर व साइड में दीवार भी बनेगी
घोड़ाघाटी से मेहरानगढ़ तक करीब 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसका करीब 1950 मीटर हिस्सा वन विभाग का था, जिसकी एनओसी लेकर वन विभाग को राज्य सरकार की ओर से दूसरी जगह पर जमीन दी गई। 7-7 मीटर चौड़ी सड़क होगी, बीच में डिवाइडर और साइड में दीवार बनेगी।
नागौरी गेट से किले तक जाम से लोगों को मिलेगी मुक्ति
शहर के सबसे बड़े पर्यटन स्थल मेहरानगढ़ तक के मार्ग को बाधा रहित बनाने के लिए यह नई एप्रोच सड़क बनाई जा रही है। चूंकि नागौरी गेट से मेहरानगढ़ फोर्ट का रास्ता काफी संकरा हो चुका है। टूरिस्ट सीजन में कई बार जाम लग जाता है। यह सड़क बनने के बाद इस जाम से मुक्ति मिलेगी।
घोड़ाघाटी के मुहाने से होकर यह सड़क वन भूमि से होते हुए फतेश्वर महादेव मंदिर के साइड से मेहरानगढ़ पार्किंग के सामने आकर मिलेगी। पहले की डिजाइन के अनुरूप सड़क बनती तो कम से कम 100 से 125 पेड़ कटते, लेकिन अब नई डिजाइन के मुताबिक पेड़ों को आइलैंड बनाकर सुरक्षित कर लिया जाएगा। अब मुश्किल से 12-15 पेड़ काटे जाएंगे।
कम से कम पेड़ कटे, इसलिए डिजाइन बदली गई है
पेड़ कम से कम कटे, इसलिए अब रूट बदल दिया गया है, ताकि पेड़ों को आइलैंड के अंदर सुरक्षित रखते हुए दोनों तरफ से सड़क निकाली जाएगी। नई डिजाइन से पहले से केवल 10 फीसदी पेड़ कटेंगे।