SDM के फर्जी साइन कर बना दिया मूल-निवास सर्टिफिकेट

in #jhunjhunu2 years ago

झुंझुनूं में ई-मित्र संचालकों ने फर्जीवाड़े की हदें पार कर दी हैं। अधिकारियों के फर्जी साइन व स्टाम्प लगाकर ई-मित्र संचालक सरकारी योजनाओं में अपात्र लोगों को पात्र बनाकर पेश कर रहे हैं। झूठे और फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर सरकार को चूना लगा रहे हैं। ई-मित्र संचालकों की करतूतों के कारण जरूरतमंद वंचित रह जाते हैं। पिछले चार दिन में फर्जीवाड़े के तीन मामले सामने आ चुके हैं। ई-मित्र संचालकों ने अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर, फर्जी मोहर लगाकर, डॉक्यूमेंट में कांट-छांट कर सरकारी योजनाओं को लाभ दिला दिया। संबंधित विभागों में डॉक्यूमेंट की जांच की गई तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। अब जांच की जा रही है।
केस 1 : इंटर्नशिप का फर्जी प्रमाण पत्र बनाया
झुंझुनूं के देरवाला ग्राम पंचायत अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर इंटर्नशिप का फर्जी प्रमाण पत्र बना दिया गया। इस तरह अपात्र को योजना में पात्र बना दिया। अभ्यर्थी की इंटर्नशिप में उपस्थिति दर्ज करवा दी। फर्जी तरीके से अधिकारी के हस्ताक्षर कर बेरोजगारी भत्ता दिलवाने के लिए आवेदन कर दिया। सूचना प्रौद्योगिकी एंव संचार विभाग के प्रोग्रामर रघुवीर सिंह झाझड़िया ने बताया कि झुंझुनूं जिले के उप क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय के रोजगार अधिकारी दयानंद यादव ने पाया कि हस्ताक्षर गलत है। पकड़ में आने के बाद प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत करवा दिया। प्रौद्योगिकी विभाग की टीम ने जांच की और ई मित्र संचालक से पूछताछ की तो उसने स्वीकर कर दिया। अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया गया है। ई मित्र संचालक पर 50 हजार रुपए का जुर्माना और 30 दिन के लिए उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है।मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत अभ्यर्थी अजय कुमार पुत्र अम्मीलाल निवासी हनुमानपुरा ने रोजगार कार्यालय में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था। भत्ता इंटर्नशिप करने के बाद ही मिलता है। रोजगार कार्यालय ने अजय कुमार को देरवाला ग्राम पंचायत इंटर्नशिप करने के लिए आवंटन कर दिया। अभ्यर्थी अजय कुमार इंटर्नशिप के लिए कार्यालय में उपस्थित नहीं हुआ। इस पर कियोस्क धारक ने किसी अन्य अभ्यर्थी की उपस्थिति को गलत तरीके से एडिट कर माह मार्च, अप्रैल एवं मई 2022 की अजय कुमार के उपस्थिति पत्र पर अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर पेस्ट कर अजय के डॉक्यूमेंट अपलोड कर दिए। किसी ने रोजगार अधिकारी को अवगत करवा दिया, इससे पकड़ में आ गया। जांच की गई तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। ई मित्र धारक से पूछताछ की जा रही है
केस 2 : एसडीएम के नकली हस्ताक्षर किए
मंडावा के गाडजी का बास गांव में स्थित ई-मित्र कियोस्क से फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास जारी कर दिए। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रोग्रामर रघुवीर सिंह झाझडिय़ा ने बताया कि ई-मित्र कियोस्क के ऑपरेटर ने फोटोशॉप का उपयोग कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए। ऑपरेटर ने एसडीएम के हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से पेस्ट कर दिए। जाबकि ऑन लाइन आवेदन होता है, डाक्यूमेंट की जांच के बाद एसडीएम के डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं। लेकिन कियोस्क धारक ने बिना आवेदन किए ही प्रमाण पत्र जारी कर दिए जांच में सामने आया कि दोनों ही प्रमाण पत्रों पर उपखण्ड अधिकारी के डिजिटल साइनों को कॉपी पेस्ट कर जारी किया गया। जबकि मूल निवास तहसीलदार के नाम से जारी किया गया है। एक ही प्रमाण पत्र पर 2 टोकन नम्बर तथा 2 उपभोक्ताओं के नाम पाए गए हैं। उपभोक्ता की फोटो भी प्रमाण पत्र में फोटोशॉप एडिट करके लगाई गई है, जबकि फोटो जनआधार में अलग प्रतीत हो रही है। दस्तावेजों के साथ छेडछाड की गई है Screenshot_20220625-145002_Chrome.jpg

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कार्यवाही होनी चाहिए

शंकर जी मैं भी आपकी सभी like कर रहा हूँ और follow भी। शरद जी मीटिंग मे भी बताते है आपकी मेहनत के बारे में। आपका जिला कौन सा है ?
Anil Attri aanews