बड़ागाँव में भगवान बौद्ध की जयंती बड़े ही धूम धाम से मनाई गई।

in #jhansi2 years ago

झांसी जनपद के बड़ागांव में आज बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध की जयंती वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। जिसकी अध्यक्षता रमेश कुशवाहा ने की उन्होंने बताया कि इस साल ये तिथि 16 मई 2022, दिन सोमवार को है। बौद्ध धर्म के साथ ही हिंदू धर्म में भी भगवान बौद्ध की पूजा की जाती है। भगवान गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को करुणा और सहिष्णुता के मार्ग के लिए प्रेरित किया। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के आस्था रखने वाले लोग अपने घरों पर दीपक जलाते हैं और ग्रंथों का पाठ कर गौतम बुद्ध के बताए हुए रास्ते पर चलने की कसम खाते हैं। भगवान बुद्ध ने चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया था। गौतम बुद्ध के विचार को अनुसरण कर हम एक सुखद जीवन यापन कर सकते हैं। 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा है। बही राजेश कुशबाहा ने कहा कि इस तरह के आयोजन हर वर्ष होने चाहिए और हम सभी लोगो को भगवान बौद्ध के मार्गदर्शन पर चलना चाहिए और आगे भी हम सभी का सहयोग लगातार करते रहेंगे तो बही हरिओम कुशबाहा ने बताया कि बुद्ध जयंती को अकेला मनाने ही से कुछ नही होगा हमे उनके द्वारा बनाये गए मार्गदर्शन पर चलना चाहिए तब हमारी मेहनत सफल होगी। हमारी समाज कमजोर नही है हम सभी लोगो को आगे बढ़ने के लिए भगवान बौद्ध के द्वारा जो रास्ते बनाये है जैसे कि बौद्ध भगवान ने हमेशा कहा है कि शराब का सेबन मत करो, किसी का गलत मत करो लेकिन आज हम उनके बनाये गए रास्ते पर नही चल रहे है जिस कारण हम आज पीछे है तो बही हरिओम कुशबाहा ने बताया कि आज हम सबको आज बौद्ध जी की जयंती पर कम से कम कोई एक बुराई को त्याग करना चाहिए। तो बही अनुराग कुशबाहा ने बताया कि आज हमारे लिए बहुत ही खुशी का दिन है और बताया कि भगवान बौद्ध ने संसार की सभी मानव ब सभी जीव जंतुओं के बारे में सोचा है लेकिन आज हम लोग इनके मार्गदर्शन पर नही चल रहे जिसके कारण आज हम सभी मनुष्यों का जीवन दलदल की ओर जा रहा है। तो बही अनुराग कुशबाहा ने बताया कि पूरा रहस्य केबल तीन ही चीजो में छुपा है जैसे शायर, सिंह, और सपूत। तो बही समग्र एकेडमी के संस्थापक हरिकृष्ण कुशबाहा ने बताया कि आज समाज मे इन सभी आयोजन के कारण ही हम सब लोग मिल जुल कर एक होकर मिल पाते है और अपनी कहानी के माध्यम से भागवान बौद्ध के बारे में विस्तार से बताया इसके साथ साथ बताया कि भगवान बौद्ध ने कभी किसी से ईर्ष्या नही की न ही हम सभी लोगो को कभी किसी से ईर्ष्या करानी चाहिए तभी हम सभी लोग आगे बढ़ पायगे। और अंत में रमा शंकर कुशबाहा ने अपने उदबोधन में कहा कि हमे अपने महापुरुषों की जयंती को बड़े ही श्रदापूर्वक मनाना चाहिए और साथ ही हर एक महापुरषों की जयंति को मिलजुल कर मनाना चाहिए। अंत मे संचालक कौशल कुशबाहा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

रिपोर्ट - विवेक राजौरिया, 8299167985