ट्रायल पर चल रहा है प्लांट, रोज 300 टन तक कूड़ा निकलता
झांसी 7 सितंबर:(डेस्क)झांसी के बिजौली में स्थित सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में गीले कूड़े से खाद बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना चल रही है। इस प्लांट में रोजाना लगभग 300 टन कूड़ा प्रोसेस किया जाता है। हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ विवाद भी उठे हैं, जिसके बीच नगर निगम प्रशासन ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट
बिजौली में स्थित यह प्लांट झांसी शहर के कूड़े को प्रोसेस करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां पर गीले कूड़े से खाद बनाने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे न केवल कूड़े का निपटान किया जा सकता है बल्कि उससे उत्पन्न होने वाली खाद का भी उपयोग किया जा सकता है।
लीचेड टैंक का निर्माण
कूड़े से निकलने वाले प्रदूषित तरल पदार्थ (लीचेड) को नियंत्रित करने के लिए, नगर निगम प्रशासन ने प्लांट के अंदर एक लीचेड टैंक का निर्माण कराया है। यह कदम कूड़े के निपटान और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।
कंपनी को दिए गए निर्देश
नगर निगम प्रशासन ने प्लांट संचालक कंपनी को कुछ निर्देश भी दिए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य प्लांट के संचालन को और अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है। प्रशासन ने कंपनी से प्लांट के संचालन से जुड़ी रिपोर्ट मांगी है और साथ ही कुछ सुरक्षा मानदंडों का पालन करने को कहा है।
विवाद और चिंताएं
हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ विवाद भी उठे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि प्लांट के संचालन से पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही, कुछ लोगों ने प्लांट के निकट रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई है
भविष्य की संभावनाएं
बावजूद इन चिंताओं के, यह प्लांट झांसी शहर के कूड़े के निपटान और पुनर्चक्रण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित हो सकता है। यदि इसका उचित तरीके से संचालन किया जाए और पर्यावरण संरक्षण के मानदंडों का पालन किया जाए, तो यह योजना शहर के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
निष्कर्ष
सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में गीले कूड़े से खाद बनाने की योजना एक सराहनीय पहल है। हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ चिंताएं और विवाद भी हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम इन चिंताओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। यदि इस प्लांट का उचित तरीके से संचालन किया जाए, तो यह झांसी शहर के कूड़े के निपटान और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन बन सकता है।