राजेन्द्र जयंतसेन आराधना भवन का उद्धघाटन आराधना ही जीवन की सब से बड़ी साधना : साध्वी आत्मदर्शना
राजेन्द्र जयंतसेन आराधना भवन ट्रस्ट के तत्वावधान में निर्मित कटारिया संघवी भवन का उद्धघाटन साध्वी आत्मदर्शना म. सा की निश्रा में लाभार्थी भंवरलाल तोलचंद कटारिया परिवार ने किया ।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि इस अवसर पर प्रवचन देते हुए साध्वी ने कहा कि हमे परमात्मा का शासन प्राप्त हुआ है । जिसमे प्रभु की आराधना ही जीवन की सब से बड़ी साधना है । गुरु जयंतसेन की यह वाणी थी की इस भवन में आराधना, उपासना, पोषध, स्वाध्याय, सामायिक, प्रतिक्रमण और तप से प्रभु भक्ति एवं जिन वंदना कर धर्म लाभ से जन जन को आत्मदर्शन प्राप्त हो सके । भले ही हम आगम को न पढ़ सके, किन्तु आराधना साधना से केवलज्ञान की प्राप्ति होती है । जीवन के अंतिम समय में धर्म ही मित्र बनकर साथ आएगा । कर्म सत्ता से छूटने के लिए हमे धर्म सत्ता की शरण में जाना होगा । हमारा जीवन व्यर्थ में पाप करने में व्यतीत नहीं करना है, किन्तु धर्म करने में व्यतीत करना है । साध्वी ने यह कहा कि गुरुदेव जयंतसेनसूरि के सपने अनुरूप दिया हुआ वचन कटारिया परिवार के उद्धघाटन द्वारा पूरा हुआ और आगे भविष्य में भी इसी तरह जिनशासन सुकृत कार्य करते रहे, यह आशीर्वाद दिया ।
इस अवसर पर साध्वी तत्वत्रया म.सा ने भी अपनी पावन उपस्थिति प्रदान कर अपने प्रवचन में सौम्य प्रकृति, सहज प्रवर्ती, भावपूर्ण अभिव्यक्ति पर विस्तार से सब को अवगत करवाया । प्राध्यापक सुरेन्द्र गुरु, ओटमल संघवी, प्रकाश हिराणी, ओ सी जैन, डूंगरमल चोपड़ा, प्रेमा गांधीमुथा, एवं अनेक वक्ताओ ने कटारिया परिवार को शुभकमनाएं देते हुए अपने विचार व्यक्त किए ।
मुनिसुव्रत राजेन्द्र जैन संघ, राजेन्द्र जयंतसेन आराधना भवन ट्रस्ट, अ. भा. राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद एवं अनेक संस्थाओ, जैन संघ द्वारा लाभार्थी परिवार का बहुमान किया गया । वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य नित्यसेनसुरीश्वर म. सा और आचार्य चंद्रयशसूरीश्वर म. सा. द्वारा उनका मंगल आशीर्वाद संदेश सभा में पढ़ कर सुनाया गया । कार्यक्रम का संचालन मीठालाल पावेचा द्वारा किया गया । लाभार्थी परिवार के भंवरलाल कटारिया ने अपने भावुक उदबोधन में गुरु पुण्य सम्राट जयंतसेनसूरीश्वर महाराजा और अपने मातृ पितृ को याद किया । सभा में उपस्तिथ सभी महानुभावो और जैन संघ का आभार प्रकट किया ।