समितियों पर डीएपी का टोटा, किसान परेशान

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जौनपुर । किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही हैं। योजनाओं पर करोड़ों खर्च के बाद भी किसानों की समस्या कम नहीं हो रही हैं। मानसून दस्तक दे चुका है। खरीफ की खेती की शुरुआत भी जल्द होगी। इसके विपरीत साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं।
इससे किसान उर्वरक के लिए परेशान हैं। खाद, बीज व सिचाई में कोई समस्या न हो, इसे लेकर सरकार गंभीर है। इसके लिए जिम्मेदारों को कड़े निर्देश भी दिए गए हैं लेकिन विभागीय उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले की 208 साधन सहकारी समितियों में 33 में ताला बंद हो गया है। बची 175 समितियों में दस किसानों के चंदा से तो 165 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में मिले पांच-पांच लाख रुपये से किसी तरह चलाई जा रही हैं।
वर्तमान में सिर्फ 25 समितियों पर ही डीएपी उपलब्ध हैं। कुछ किसान निजी साधनों से पानी भरकर धान की रोपाई भी शुरू कर दिए हैं। डीएपी न मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बदलापुर के साधन सहकारी समितियों पर यूरिया तो उपलब्ध है लेकिन डीएपी नदारद है। धान में डीएपी डालने को लेकर किसान अभी से चिंतित हैं। उन्हें डर सता रहा है कि समय से समितियों पर उपलब्ध नहीं हुआ तो नुकसान होगा। निकासी वाले समय में किसानों को बाजार से महंगे दामों पर खरीदना पड़ेगा।