पदोन्नति मे नियमों को लेकर आदोलन कि आहट

in #jaipur2 years ago

आज से जयपुर में जुटेंगे प्रदेशभर के सैकड़ों शिक्षक

जयपुर। तीन अगस्त 2021 को सरकार की ओर से लाया गया एक नियम प्रदेश के करीब सवा लाख से ज्यादा वरिष्ठ अध्यापकों पर भारी पड़ता नजर नजर आ रहा है । शिक्षक पदोन्नति संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रामकेश मीणा ने बताया कि सरकार के इस नियम के चलते पिछले दिनों डीपीसी के दौरान करीब 10 हजार शिक्षक पदोन्नति की प्रक्रिया से बाहर हो गए तो वहीं अगले करीब 6 महीनों में आयोजित तीन डीपीसी प्रक्रिया से भी करीब एक लाख वरिष्ठ अध्यापकों के पदोन्नति की प्रक्रिया से बाहर होने की संभावना बन गई है । ऐसे में अब सरकार द्वारा पदोन्नति में अतिरिक्त योग्यता सुसंगत विषय में स्नातकोत्तर बशर्ते उन्होंने स्नातक स्तर पर भी सुसंगत विषय का अध्ययन किया हो । इसी आदेश के विरोध के चलते शिक्षक पदोन्नति संघर्ष समिति राजस्थान की ओर से 30 मई को शहीद स्मारक पर एक बड़े आंदोलन की शुरुआत के साथ ही अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दे दी है ।

गौरतलब है कि सरकार की ओर से 3 अगस्त 2021 को एक आदेश लागू किया गया , जिसमें स्कूल प्राध्यापक विभिन्न विषय के पदों पर होने वाली भर्ती में 50 फीसदी पदों पर भर्ती प्रक्रिया और 50 फीसदी पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला लिया । भर्ती प्रक्रिया में सरकार की ओर से सुसंगत विषय में स्नातकोत्तर डिग्री रखी गई है , जबकि पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति में यूजी और पीजी एक ही विषय से होने की बाध्यता रखी है , जिसके चलते प्रदेश के करीब 1 लाख से ज्यादा शिक्षक प्रभावित हुए हैं । जिन्होंने यूजी अन्य विषय और पीजी अन्य विषय से की गई । साथ ही इनमें से अधिकतर शिक्षकों की संख्या उनकी है , जिन्होंने यूजी गणित , विज्ञान या वाणिज्य से ही है , जबकि पीजी कला विषय से की है ।

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रामकेश मीणा ने बताया कि सरकार ने ये नियम 3 अगस्त 2021 को लागू किया और नियम लागू करते समय उन शिक्षकों को भी शामिल कर लिया , जो अगस्त 2021 से ही सेवा में हैं । ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब सवा लाख से ज्यादा है , जबकि इस आदेश के चलते अब जिन शिक्षकों ने यूजी अन्य विषय और पीजी अन्य विषय से की है , उनको जीवन में कभी पदोनति का लाभ नहीं मिलेगा । वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति नहीं होने से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदोत्रत होने के रास्ते बंद हो जाएंगे । हमारी मांग के पक्ष में अब तक करीब एक दर्जन विधायक और दो मंत्री लिख चुके हैं , लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है । कल से आंदोलन की शुरुआत हो रही है और जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा ।