पर्युषण के पांच कर्तव्य : मुनि तीर्थ तिलक विजय जी

in #jainnews2 years ago

पर्युषण के पांच कर्तव्य : मुनि तीर्थ तिलक विजय जी
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मैसूरु । सुमतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ,मैसूरु के तत्वावधान में महावीर भवन में पर्युषण पर्व के द्वितीय दिवस पर मुनि तीर्थतिलक विजयजी अपने प्रवचन में पर्युषण के पांच कर्तव्य के बारे में विस्तार से बताया कि हमारे कारण किसी को पीड़ा नहीं होनी चाहिए, साधर्मिक वात्सल्य में दूसरे जीव को साता देने में ही निमित्त बनना चाहिए, क्षमापना के तहत चार जनों से मिच्छामि दुक्कड़म कहना चाहिए, अट्ठम तप के तहत हमारे इंद्रिय को संभालना है तो तप जैसा कोई आलंबन नहीं है, मुनि ने चैत्य परिपाटी के संदर्भ में बताया कि समूह में जिनालय में जाने से आनंद बढ़ता है, श्रद्धालुओ ने सुमतिनाथ जिनालय में विधिवत मंगल दीप, धूप, पूजा अर्चना की । इस अवसर पर सुमति नाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के पदाधिकारी ट्रस्टी गण एवं काफी संख्या में श्रावक श्राविका मौजूद रहे ।