करोड़ो के छात्रावास में जमकर हुआ भ्रष्टाचार

in #issue2 years ago

IMG-20220917-WA0027.jpgनये छात्रावास मे आई दरारों को मेंटनेंश में भरने की तैयारी
करोड़ो के छात्रावास में जमकर हुआ भ्रष्टाचार
पीडब्ल्यूडी की क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) ने किया कमाल, नए भवन का बंटाढार
मामला पुष्पराजगढ़ के ग्राम सरवाही में बने नवनिर्मित 50 सीटर बालक छात्रावास का

इंट्रो- एक तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने भांजे भांजियों के लिये तमाम ऐसी योजनाएं चला रहे है जिसमे दूर दराज से पढऩे आये बच्चों को विद्या अध्ययन करने के लिये किसी भी प्रकार की समस्यायें न हो जिसको लेकर छात्रावास का निर्माण करवाया जाता है, जिसमें पुष्पराजगढ़ के सरवाही में बने 50 सीटर बालक छात्रावास में लोक निर्माण विभाग के क्रियान्वयन ईकाई (पीआईयू)के जिम्मेदारों द्वारा निर्माण के दौरान ठेकेदार से सांठ-गांठ कर करोड़ो की राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है जिसका नायाब नमूना ग्राम सरवाही में देखने को मिला है।

वान्टेड टाइम्स अनूपपुर। अनूपपुर जिले के विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ अंतर्गत ग्राम सरवाही में 50 सीटर आदिवासी बालक छात्रावास का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ जिसकी लागत 1 करोड़ 33 लाख 56 हजार रूपये थी इस आदिवासी छात्रावास के निर्माण कार्य के लिये रीवा के ठेकेदार आनंद कुमार पाठक द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया और सितम्बर 2021 में 50 सीटर आदिवासी बालक छात्रावास बनकर तैयार हुआ, सितम्बर 2021 से लेकर सितम्बर 2022 तक एक वर्ष पूर्ण हो चुके हैं जिसमें अभी तक नवनिर्मित छात्रावास में बच्चों का रहना नही हो पा रहा है।
जमकर हुआ भ्रष्टाचार
गौरतलब हो कि अनुपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के ग्राम सरवाही में बने आदिवासी बालक छात्रावास जिसकी लागत 1 करोड़ 33 लाख 56 हजार में बनकर तैयार हुआ जिसको कोई भी आम आदमी बाहर से देखकर ही बता सकता है बनाये गये छात्रावास भवन में इंजीनरिंग का ऐसा जीता जागता नमूना विभाग के इंजीनियरों ने पुष्पराजगढ़ के सरवाही ग्राम को तोहफे के रूप में दिया है जिसमें भवन के किनारों पर खड़े होकर स्पष्ट देखा जा सकता है कि एक भी कॉलम अपने लाईन पर नही है, भवन के अंदर की बात करें तो पूरे भवन की दीवारों पर दरारें स्पष्ट रूप से दिखाई देती है एवं जमीन की बात करें तो लगाई गई टाईल्स टूटी फूटी एवं नियमानुरूप नही है जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि विभाग के इंजीनियरों ने ठेकेदार के साथ मिल भ्रष्टाचार को अंजाम देकर पुष्पराजगढ़ को एक नया ईनाम दिया है।
भ्रष्टाचार की गवाही दे रही है छत
दीवारों की दरारें, टूटी टाईल्स, टाईल्सों का लेवल में न होना यह तो भवन के अंदर की बात है छात्रावास के छत की बात करें तो भ्रष्टाचार जिन सीढिय़ों से चढक़र भवन के छत पर जाते हैं वहीं से झलकने लगती है छत पर पहुंचने पर स्पष्ट रूप से भवन निर्माण के लिये बनाये गये कॉलम सभी एक सीध मे न होकर ईधर ऊधर दिखाई देते हैं एवं छत की ढलाई इस अंदाज से की गई है कि छत के लेवल में धरती आसमान का अंतर हो गया है, जिसके कारण नवनिर्मित छात्रावास के पहले ही बरसात में बारिस का पानी इकठ्ठा होकर भवन के अंदर प्रवेश कर रहा है छत में स्टैण्ड बॉय के रूप में खड़े हुये कॉलम हाथ लगाने से ही रेत की ढेर की तरह ही झर जा रहे हैं जिसे देखकर यह कहना गलत नही होगा कि करोड़ो की लागत से बना छात्रावास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।

क्यो नवनिर्मित छात्रावास में नही रह रहे बच्चे ?
ग्राम सरवाही में 50 सीटर आदिवासी बालक छात्रावास साल भर पहले ही बनकर तैयार हो चुका था जब वान्टेड टाइम्स की टीम ने वहां के अधीक्षक से पूंछा तब अधीक्षक ने बताया कि नवनिर्मित छात्रावास बना तो जरूर है पर यह छात्रावास रहने योङ्गय नही है, कारण है पानी का सीपेज होना, टाईल्स का टूटा होना, नियमानुरूप टाईल्स का न लगना, खिडक़ी, दरवाजे एवं पंखे व बल्ब का न होना इनकी मुख्य वजह है, पूंछने पर अधीक्षक ने बताया कि नवनिर्मित भवन की स्थिति साल भर में इस तरह की है तब कुछ साल बीत जाने पर ही जल्द ही जर्जर अवस्थाा में हो जायेगी जिसके कारण मैने इस नवनिर्मित छात्रावास को अपने जिम्मे नही लिया है, इसलिये अभी भी पुराने छात्रावास के बने अतिरिक्त कक्ष में बच्चे रह रहे हैं।

ऐसे निर्माण पर तो सवाल उठना तो लाजमी है
विभाग के इंजीनियरों की निगरानी में जिस ठेकेदार ने इस छात्रावास का निर्माण किया है उसकी वर्तमान स्थिति देखकर सवाल उठना तो लाजमी है, कि करोड़ो की लागत से बना भवन में हुये अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के कारण आज खण्डहर का रूप लेता जा रहा है, इस भवन में हुये भ्रस्टाचार में संलिप्त जितने भी लोग है उन पर प्रश्र चिन्ह तो लगता है कि भवन जब गुणवत्ता युक्त नही बनाई गई तब किस इंजीनियर ने ठेकेदार के द्वारा किये गये कार्य को हरी झंडी दे दी अब देखना होगा कि इस खबर के बाद उन पर कार्यवाही कौन करेगा क्या लोक निर्माण विभाग की क्रियान्वयन ईकाई (पीआईयू) विभाग ऐसे ही इस भवन को सुपुर्द कर देगा जो बनने के पहले साल ही खंडहर होने कि कगार पर है या उच्चाधिकारी इसकी विधवत जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे।
इनका कहना है
यह छात्रावास एक वर्ष पहले ही बनकर तैयार हो चुका है, उस छात्रावास का मूल्यांकन मेरे द्वारा किया गया है अगर गुणवत्त्ताविहीन कार्य हुआ है तो जांच करा ली जाये, हमने छात्रावास अधीक्षक को सुपुर्द कर दिया है अगर दीवारों पर दरार आई हैं तो हमें बताईये अभी तो तीन सालों का मेंटनेंश बाकी है।
आर.पी. वर्मा
उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग (पीआईयू), अनूपपुर

इस छात्रावास की छत सीपेज है, पंखे, बल्ब नही लगे हैं ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है, इंजीनियर महीने पंद्रह दिन में एक बार आ जाया करते थे।
भारत कोल
आदिवासी बालक छात्रावास अधीक्षक, सरवाही

मैने दौरा किया और पाया कि करोड़ो की लागत से बने आदिवासी बालक छात्रावास में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है जो स्पष्ट दिखाई देता है मै कलेक्टर मैडम से मिलकर उक्त भवन की जांच करवाने की मांग करूंगी।

भुवनेश्वरी सिंह
जिला पंचायत सदस्य, अनूपपुर

भ्रष्टाचार का तो सवाल ही नही उठता फिर भी आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है मै जल्द ही इसकी जांच करवा लेता हूं।
ए.के. श्रीवास्तव ई
लोक निर्माण विभाग (पीआईयू),अनूपपुर