ओह, छोटी सी चूक और फेल हो गया इसरो का यह अभियान
नई दिल्ली: कम समय और किफायत के साथ अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने के लिए बने इसरो के नये रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) का पहला प्रक्षेपण महज 2 सेकंड के लिए हुई गड़बड़ी की वजह से विफल हुआ। यह गड़बड़ी रॉकेट के एक्सेलेरोमीटर में हुई थी।
इस वजह से रॉकेट के साथ भेजे गए दोनों उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस) - 2 और आजादीसैट सही परिक्रमा पथ पर नहीं पहुंचाए जा सके और विफल हो गए।
सोमनाथ के अनुसार प्रक्षेपण की तीसरी स्टेज में यह गड़बड़ी हुई। इसे सुधारने की कोशिश रॉकेट के कंप्यूटर ने की, यह ठीक भी हो गया। लेकिन मिशन को नुकसान पहुंच चुका था। इसी वजह से रॉकेट ने दोनों उपग्रह 356.3 किमी की गोलाकार परिक्रमा पथ के बजाए 356 गुणा 76 किमी के अंडाकार परिक्रमा पथ पर छोड़ दिए। अब यह उपग्रह किसी काम के नहीं रहे क्योंकि इनसे कोई संपर्क नहीं बन पाया। एजेंसी
क्या होता है एक्सेलेरोमीटर
रॉकेट में एक्सेलेरोमीटर एक प्रकार का सेंसर होता है। इसका काम गति में आ रहे बदलाव की गणना है। इससे पता चलता है कि रॉकेट की किसी स्टेज को जारी हुए कितना वक्त गुजरा है। इसमें आई खामी से दूरी व दिशा की गणना में गलती हो सकती है।
हमारी खबरों को लाइक करें कमेंट करें और अपने साथी लोग भी हैं उन सभी की खबरों को लाइक करें कमेंट करें फॉलो करे।