कालिंदी एक्सप्रेस के मामले में पुराने ट्रेन हादसों की भी जांच शुरू, पहले भी रेल पलटाने

कानपुर 16 सितम्बरः (डेस्क)कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश का मामला हाल ही में चर्चा में आया है। यह घटना कानपुर के शिवराजपुर क्षेत्र में हुई, जहां किसी ने रेलवे ट्रैक पर एक कुकिंग सिलेंडर रख दिया था। जब ट्रेन 70-80 किमी प्रति घंटे की गति से आई, तो वह सिलेंडर से टकरा गई, जिससे धमाके जैसी आवाज हुई। सौभाग्यवश, ट्रेन नहीं पलटी और चालक ने तुरंत विभाग को सूचित किया.

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जांच की प्रक्रिया
इस घटना के बाद पुलिस, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ), और ग्रेह रेवेन्यू पुलिस (जीआरपी) ने मिलकर जांच शुरू की। सुरक्षा एजेंसियों ने न केवल इस साजिश की तहकीकात की, बल्कि पुराने रेल हादसों की भी फिर से समीक्षा करने का निर्णय लिया है। जांच अधिकारियों ने उन लोगों की कुंडली खंगालने का काम शुरू किया है जो पिछले रेल हादसों के दौरान संदेह के दायरे में आए थे.

संदिग्धों की पहचान
पुलिस ने फतेहपुर, कानपुर, लखनऊ और कानपुर देहात के आसपास के जिलों में उन संदिग्धों की पहचान करने का कार्य शुरू किया है, जो पहले भी रेल हादसों में शामिल रहे हैं। इस जांच में यह देखने की कोशिश की जा रही है कि क्या इन सभी घटनाओं के पीछे एक संगठित साजिश है या नहीं.

सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग
इस मामले में कुल 300 से अधिक अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं। एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और गांव-गांव जाकर साक्ष्य इकट्ठा कर रही है। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस भी सक्रिय रूप से संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी कर रही है.

संभावित कारण
कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि इस साजिश के पीछे 'डीप स्टेट' का हाथ हो सकता है, जो भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। इस संदर्भ में विदेशी शक्तियों का नाम भी लिया गया है.

निष्कर्ष
कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की इस साजिश ने सुरक्षा एजेंसियों को एक नई चुनौती दी है। पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा चल रही जांच यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और जो लोग इस साजिश में शामिल हैं, उन्हें कठोर दंड मिले। जांच जारी है और जैसे-जैसे नए सबूत सामने आएंगे, स्थिति स्पष्ट होती जाएगी।