मिर्जापुर में 17 साल से अधूरे जीटीआई भवन की जांच शुरू होगी

शाहजहांपुर 16 सितम्बर:(डेस्क)जलालाबाद के कलान तहसील में मिर्जापुर ब्लाक में राजकीय पॉलिटेक्निक की अधूरी बिल्डिंग को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है। इस भवन का निर्माण 17 साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन अब तक यह अधूरा पड़ा है, जबकि इस पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। इस लापरवाही का मामला हाल ही में मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचा, जिसके बाद शासन ने जिला प्रशासन को जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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पृष्ठभूमि

वर्ष 2007-08 में बसपा शासन के दौरान मिर्जापुर ब्लाक में राजकीय पॉलिटेक्निक की स्वीकृति दी गई थी। इसका निर्माण फर्रुखाबाद-मुरादाबाद हाईवे पर मिर्जापुर से लगभग तीन किलोमीटर आगे शुरू किया गया था। हालांकि, शुरुआत से ही भवन निर्माण से जुड़े कार्यों को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

निर्माण कार्य के दौरान कई बार ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही की बातें सामने आईं। किसी तरह से दो तिहाई बिल्डिंग का निर्माण किया गया, लेकिन इसके बाद कार्य रोक दिया गया। अब 17 साल बीतने के बाद भी यह भवन अधूरा है, जिससे स्थानीय युवाओं की तकनीकी शिक्षा हासिल करने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।

मुख्यमंत्री के समक्ष मामला

गत 9 सितंबर को भारतीय हलधर किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव और समाजवादी पार्टी के नेता रामवीर सिंह सोमवंशी ने लखनऊ में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में इस मामले को उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र सौंपकर आरोप लगाया कि इस निर्माण कार्य में करोड़ों रुपये की धांधली की गई है। उन्होंने मांग की कि मामले की जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सोमवंशी ने बताया कि मुख्यमंत्री के सचिव ने डीएम को पत्र भेजकर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। यह कदम स्थानीय निवासियों के लिए एक आशा की किरण है, जो वर्षों से इस अधूरे प्रोजेक्ट का सामना कर रहे हैं।

स्थानीय युवाओं पर प्रभाव

इस अनदेखी से न केवल सरकार की करोड़ों रुपये की धनराशि बर्बाद हुई है, बल्कि इस पिछड़े इलाके के युवाओं की तकनीकी शिक्षा हासिल करने की हसरत भी अधूरी रह गई है। स्थानीय युवा जो अपने क्षेत्र में ही तकनीकी डिप्लोमा प्राप्त करना चाहते थे, अब उन्हें शहरों में जाकर शिक्षा हासिल करने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जो कि आर्थिक रूप से उनके लिए कठिनाई भरा है।