बड़ा एटम बम गिराने वाला विमान खरीदेगा भारत:चीनी H-6K के जवाब में रूसी Tu-160,

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बड़ा एटम बम गिराने वाला विमान खरीदेगा भारत:चीनी H-6K के जवाब में रूसी Tu-160, दुनिया के सबसे बड़े बॉम्बर की अमेरिका तक धमक
4 घंटे पहलेलेखक: अभिषेक पाण्डेय
पिछले साल नवंबर में चीन ने भारतीय सीमा पर H-6K नामक स्ट्रैटेजिक बॉम्बर तैनात किया था। उस समय भारत के पास चीन के इस हथियार का कोई तोड़ नहीं था। अब खबर है कि भारत ड्रैगन को जवाब देने के लिए रूस से दुनिया का सबसे घातक स्ट्रैटेजिक बॉम्बर खरीदने जा रहा है।

सीमा पर चीन के लगातार आक्रामक रुख से निपटने के लिए भारत के जल्द ही रूस से दुनिया के सबसे घातक स्ट्रैटेजिक बॉम्बर में शुमार Tu-160 खरीदने की रिपोर्ट्स हैं। Tu-160 को वाइट स्वान यानी सफेद हंस भी कहते हैं।

हाल ही में रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम हासिल करने के बाद जेट बॉम्बर भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण डील साबित हो सकता है। दुनिया में अब तक केवल 3 देशों-अमेरिका, रूस और चीन के पास ही स्ट्रैटेजिक बॉम्बर हैं।अमेरिका के भारी विरोध के बावजूद रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम हासिल करने के बाद भारत अपना पहला स्ट्रैटेजिक बॉम्बर जेट भी खरीदने जा रहा है।

स्ट्रैटेजिक बॉम्बर ऐसे जेट होते हैं, जो पलक झपकते ही दुश्मन के घर में जाकर बम या मिसाइल गिराकर वापस लौट आते हैं। स्ट्रैटेजिक बॉम्बर की खासियत ही होती है 'कहीं भी कभी' हमला करने में सक्षम। भारत के पास ऐसे बॉम्बर आने से उसके लिए बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक करना आसान हो जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये जानकारी इंडियन एयरफोर्स के पूर्व प्रमुख अरूप साहा के हाल ही में चाणक्य फाउंडेशन के दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दिए भाषण से मिली। अपने भाषण में साहा ने भारत के रूस से बॉम्बर खरीदने की योजना का जिक्र किया। हालांकि, अभी भारत और रूस में से किसी ने भी इस डील को लेकर आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की रूस से कम से कम छह Tu-160 बॉम्बर एयरक्राफ्ट लेने की डील की बातचीत आखिरी दौर में है।

भारत के पास क्यों नहीं हैं स्ट्रैटेजिक बॉम्बर?

चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव को देखते हुए भारत की इस डील को करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इससे पहले 1970 के दशक में सोवियत रक्षा मंत्री सर्जेई गोर्शाकोव के Tu-22 बैकफायर बॉम्बर देने के ऑफर को भारतीय एयरफोर्स ने ठुकरा दिया था।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के पास स्ट्रैटेजिक बॉम्बर न होने की एक बड़ी वजह ये भी है कि इन बॉम्बर का इस्तेमाल अक्सर सीमा पार करके दुश्मन के घर में घुसकर करना पड़ता है। भारत की ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं रही है।

भारत के पास पहले से ही अपनी सीमा में रहकर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम टैक्टिकल बॉम्बर और फाइटर प्लेन हैं।Screenshot_2022-08-12-15-08-07-03.jpg