लंदन के पास लेस्टर में हिंदू मुसलमानों में तनाव, पुलिस ने दो को हिरासत में लिया

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लंदन के पास लेस्टर में शनिवार को बड़े पैमाने पर भड़के तनाव के बाद पुलिस और स्थानीय नेताओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

यहां हिंदू और मुसलमान समुदाय के युवाओं के बीच तनाव बढ़ गया था.

पुलिस के अनुसार यहां 'अचानक ही प्रदर्शन शुरू हो गया था' जिसके बाद से अब तक दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि यहां आने वाले कुछ दिनों तक बड़ी संख्या में पुलिसबल की मौजूदगी रहेगी.

एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में 28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मुक़ाबले के बाद से कई जगहों पर दोनों समुदाय के लोगों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हुई, जिसमें ये ताज़ा घटना है.

लेस्टर में मौजूद फे़डेरेशन ऑफ़ मुस्लिम ऑर्गेनाइज़ेशन्स के सुलेमान नगदी ने बीबीसी से कहा, "हमनें यहां सड़कों पर जो देखा वो चिंताजनक है. भारत पाकिस्तान मैच के बाद से यहां समुदाय में तनाव तो पहले से था. यहां खेल के मौक़े पर लोगों का बड़ा जमावड़ा लगता है और कभी-कभी हालात बिगड़ भी जाते हैं."

"हमें शांति से काम लेना चाहिए, इस तरह का तनाव ख़त्म होना चाहिए. कुछ युवा हैं जो बेहद नाराज़ है इस कारण वही कहर ढा रहे हैं. हम सभी को ये संदेश देना चाहते हैं कि ये सब ख़त्म होना चाहिए. हम इन युवाओं के घर में उनके बड़े-बूढ़ों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, कि वो उन्हें समझाएं."

लेस्टर में हिंदू और जैन मंदिरों से जुड़े संजीव पटेल कहते हैं कि शनिवार रात हुई घटना से वो सकते में हैं.

वे कहते हैं, "हम दशकों से इस शहर में शांति से रहते आए हैं लेकिन बीते कुछ हफ़्ते से ये साफ़ है कि कई बातें हैं जिन पर चर्चा ज़रूरी है ताकि ये समझा जा सके कि लोग किस बात से नाराज़ हैं."

"किसी भी हालत में हिंसा का रास्ता अपनाना सही नहीं है. बीते कुछ दिनों से और ख़ास कर शनिवार को जो कुछ हुआ उससे हमें डर है. हिंदू और जैन समुदाय और मुसलमान समुदाय के नेता बार-बार कह रहे हैं कि हमें शांति से काम लेना है."

भ्रामक जानकारी से बचने की अपील

संजीव पटेल ने लोगों से ये भी अपील की कि वो सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी भ्रामक जानकारी से बचें.

उन्होंने कहा, "हिंसा किसी मुश्किल का हल नहीं. ये शांति से एकदूसरे के साथ बात करने का वक़्त है."

पुलिस ने कहा है कि इस मामले में उन्होंने एक व्यक्ति को साजिश रचने के शक़ के आधार पर और एक को धारदार औज़ार रखने के शक़ में हिरासत में लिया है. ये दोनों व्यक्ति फिलहाल पुलिस कस्टडी में हैं.

लेस्टर शहर के मेयर सर पीटर सोल्सबी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि किसी को आशंका होगी कि शनिवार को ऐसा कुछ होगा. पुलिस लोगों को शांत रहने को कह रही है और भरोसा दिला रही है."

"शनिवार रात को स्थिति बहुत बिगड़ गई थी और मुझे उन लोगों की चिंता हो रही थी जो इसमें फंस गए हैं. मैं खुश हूं कि पुलिस तुरंत हरकत में आई, ये आसान काम नहीं थी."

उन्होंने, "तनाव में शामिल अधिकांश लोग युवा थे जिनकी उम्र क़रीब 20 साल की होगी. मैंने सुना कि यहां तनाव पैदा करने का मौक़ा खोजने के लिए शहर के बाहर से लोग आए थे. जिस इलाक़े में ये हुआ वहां के लिए के लिए स्थिति चिंताजनक है."

सर पीटर ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि समुदाय के नेताओं ने आगे आकर स्थिति को संभालने की कोशिश की, हालांकि उन्होंने माना कि युवाओं तक पहुंचकर उन्हें समझाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है.

शनिवार रात को हुई घटना के बारे में लेस्टरशर पुलिस से टेम्पोरेरी चीफ़ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हमें पूर्वी लेस्टर के इलाक़े से तनाव की कई ख़बरें मिली हैं. हमारे अफ़सर वहां हैं और स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. हम वहां और भी ऑफ़िसर भेज रहे हैं जिसके पास लोगों को रोककर जांच करने के अधिकार हैं."

"हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि इसमें शामिल न हों और शांति बनाए रखें."

हालात सामान्य हो रहे हैं- पुलिस

रविवार को पुलिस ने कहा कि "स्थिति नियंत्रण" में है और हालात सामान्य हो रहे हैं.

पुलिस ने कहा "हिंसा और संपत्ति को नुक़सान पहुंचाए जाने की कई ख़बरें सामने आई हैं और मामले की जांच चल रही है."

"हमें इस बात की जानकारी है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमे लेस्टर के मेल्टन रोड पर एक व्यक्ति एक धार्मिक इमारत के ऊपर लगे झंडे तो उतारने की कोशिश करता दिखा है. ऐसा लगता है कि ये घटना उस वक़्त हुई जब पुलिस तनाव कम करने की कोशिश कर रही थी. इस मामले की जांच की जाएगी."

महिला प्रत्यक्षदर्शी ने क्या देखा?

शनिवार को हुए इस तनाव को देखने वाली एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वहां लोग पूरे चेहरे को ढका काले रंग का मास्क पहने हुए थे और वो हुड लगा रखे थे.

उन्होंने बीबीसी से कहा कि वो वहां हर तरफ़ मौजूद थे, ऐसा लग रहा था कि फ़ुटबॉल का मैच देखने के बाद भीड़ लौट रही है.

वे बोलीं, "पुलिस ने रास्ता रोक रखा था. पुलिस अधिकारी एक दूसरे से कंधा सटाए अपिंघम रोड को अवरुद्ध किए थे."

ऑनलाइन फुटेज में दिख रहा है कि पुलिस भीड़ को पीछे हटाने का प्रयास कर रही है जबकि बोतल समेत कई चीज़ें फेंकी जा रही हैं.

ग्रीन लेन रोड पर रहने वाली एक महिला ने कहा कि शनिवार को जो देखा वो 'बहुत डरावना' था.

वे कहती है, "पूरा मामला नियंत्रण से बाहर लग रहा था. पुलिस वहां थी लेकिन वो इस पर काबू पाने की स्थिति में नहीं लग रही थी."

"लोग अब भी डरे हुए हैं, अनिश्चय की एक स्थिति बनी हुई है और जो कुछ भी अभी हुआ है वो पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान पैदा हुए तनाव की वजह से है."

28 अगस्त को दुबई में एशिया कप में पाकिस्तान और भारत का मैच हुआ. उसके बाद लेस्टर में अलग-अलग मामलों में अब तक कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.

28 अगस्त

एक इमर्जेन्सी वर्कर के साथ बदसलूकी करने के आरोप में एक व्यक्ति को पकड़ा गया. इस मामले में जांच जारी है.

सार्वजनिक जगह पर शांति भंग करने के आरोप में छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया.

19 साल के एक अन्य युवा को सार्वजनिक जगह पर शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया

5 सितंबर

सात लोगों को सार्वजनिक जगह पर शांति भंग करने के आरोप में पकड़ा. सभी को बाद में ज़मानत दे दी गई.

6 सितंबर

हथियार रखने के शक़ में पुलिस ने 24 और 17 साल के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. बाद में उन्हें ज़मानत पर छोड़ा गया.

बंदूक रखने के शक़ में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. बाद में ज़मानत पर छोड़ा.

एक अन्य व्यक्ति को नशे की हालत में गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

7 सितंबर

पहले से गिरफ्तार किए गए दो लोगों पर सार्वजनिक जगह पर शांति भंग करने के आरोप लगाया गया.

9 सितंबर

तीन लोगों को झगड़ा करने के आरोप में पकड़ा गया. बाद में उन्हें ज़मानत पर छोड़ा गया.

इसी दिन एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. बाद में उन्हें ज़मानत पर छोड़ा गया.

10 सितंबर

21 साल के एक व्यक्ति को नशे की हालत में गाड़ी चलाने के आरोप में पकड़ा गया. उन्हें ज़मानत पर छोड़ा गया है लेकिन उन्हें कोर्ट में पेश होना है.

11 सितंबर

हथियार रखने के शक़ में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. व्यक्ति पर धारदार हथियार रखने और बिना लाइसेंस और बिना इश्योरेंस के गाड़ी चलाने के आरोप लगाए गए. बाद में उन्हें ज़मानत पर छोड़ा गया, उन्हें आने वाले दिनों में कोर्ट में पेश किया जाना है.