भारत में हुई वो डील जो चीन के लिए सिरदर्द बन सकती है
भारत की अपनी सिलिकॉन वैली अब एक क़दम और क़रीब आ गई है. भारत न केवल अब अपने लोगों की डिज़िटल ज़रूरतों को पूरा कर सकेगा बल्कि दूसरे देशों को भी भेज सकेगा. चिप मंगाने से चिप बनाने तक की यह यात्रा अब आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है."
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को ताइवान की कंपनी फ़ॉक्सकॉन के साथ जॉइंट वेंचर की घोषणा करने के बाद ये ट्वीट किया.
अहमदाबाद के पास बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. संयुक्त उपक्रम में वेदांता का हिस्सा 60 फ़ीसदी होगा, जबकि ताइवान की कंपनी की 40 फ़ीसदी हिस्सेदारी होगी.
पिछले कुछ साल में यह भारत में होने वाले सबसे बड़े निवेशों में से एक है.