पुतिन की चाल में फंसे जेलेंस्की, रूसी मिसाइल हमलों से पावर सिस्टम ठप, अंधेरे में यूक्रेन

Wortheum news:: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्द में पिछले हफ्ते एक बड़ी घटना हुई. इस घटना को दुनिया में अधिकतर देशों और लोगों ने रूस की हार के रूप में देखा. खुद यूक्रेन भी इसे जीत समझकर जश्न मनाने लगा, लेकिन पुतिन के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. रूस ने यूक्रेन में 2 कदम पीछे लेकर इतना तेज प्रहार किया है कि यूक्रेन अब तक के सबसे बुरे दौर में आ चुका है. दरअसल, पिछले हफ्ते रूसी सेना ने यूक्रेन के शहर खेरसॉन से हटने का फैसला किया था. पुतिन की इस रणनीति में यूक्रेन फंस गया और सेलिब्रेट भी करने लगा. इसके बाद रूस ने 15 नवंबर को यूक्रेन पर 100 से अधिक मिसाइल हमले किए. इस हमले से यूक्रेन के आधे से ज्यादा पावर ग्रिड तबाह हो गए हैं और यूक्रेन की राजधानी कीव समेत दूसरे शहरों में बिजली सप्लाई ठप हो गई है.

पुतिन खेल गए 'मास्टर स्ट्रोक'

दरअसल, पिछले हफ्ते अचानक रूसी सेना ने खेरसॉन से पीछे हटने का फैसला किया था. उसके इस फैसले को माना गया कि उसने हार मानना शुरू कर दिया है. यूक्रेन की सेना भी इसके जश्न में डूब गई. जश्न के बीच रूसी सेना ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए यूक्रेन की राजधानी समते कई शहरों पर कुल 100 मिसाइल दाग दिए. इससे उसके करीब 60 प्रतिशत पावर ग्रिड डैमेज हो गए हैं. पावर ग्रिड क्षतिग्रस्त होने से अधिकतर शहर अंधेरे में डूबे हुए हैं. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने इन हमलों को ‘हारे हुए कायरों की बचकानी रणनीति’ बताया है.

बैराज तबाह, 4 लोगों की मौत की भी खबर

रिपोर्ट की मानें तो 15 नवंबर को किए गए रूस के मिसाइल हमलों में न सिर्फ पावर ग्रिड को बल्कि एक बड़े बैराज को भी तबाह कर दिया है. यह बैराज बिजली उत्पादन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण था. इसके अलावा कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. इन हमलों में 4 लोगों की मौत और 5 लोगों के घायल होने की भी खबर है.

यूक्रेन ने मांगी यूरोपीय देशों से मदद

रूस के ताजा हमलों के बाद यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिमगल ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से मदद मांगते हुए कहा, 15 नवंबर को रूस ने हमारे अलग-अलग शहरों पर 100 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं. इससे हमारा आधा पावर सिस्टम ठप हो गया है. इन हमलों में क्षतिग्रस्त हुए पावर ग्रिड की मरम्मत की जरूरत है. इसके लिए हमें मदद चाहिए.