फ़ीफ़ा के भारतीय फुटबॉल संघ पर पाबंदी लगाने से हटाने तक का पूरा मामला

in #international2 years ago

Wortheum news::

दस दिनों की खींचतान के बाद फ़ीफ़ा ने अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफ़एफ़) पर लगाई पाबंदी को वापस ले लिया है.

पाबंदी की वापसी के फ़ैसले से भारत में 11 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के आयोजन पर से ख़तरे के बादल छंट गए हैं. यह भारतीय खेल की दुनिया के लिए अच्छी ख़बर है.

लेकिन इस पूरे मामले ने एक बार फिर से भारत में खेल संघों के कामकाज को लेकर सवालिया निशान लगाया है.

16 अगस्त, 2022 को विश्व फ़ुटबॉल को संचालित करने वाली संस्था फ़ीफ़ा ने, किसी अन्य पक्ष के दखलंदाज़ी के चलते अखिल भारतीय फ़ुटबॉल फेडरेशन (एआईएफ़एफ़) पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी.

यह अन्य पक्ष कोई और नहीं बल्कि भारत की सर्वोच्च अदालत की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) थी, जिसको फ़ीफ़ा ने अनुचित मानते हुए कार्रवाई की थी. लेकिन यह पूरा मामला महज इतना भर नहीं था.

इससे पहले भारतीय फुटबॉल को चलाने के लिए 36 पूर्व खिलाड़ियों के निर्वाचक मंडल का एलान किया गया था. यह फ़ीफ़ा की पाबंदी से कुछ ही दिन पहले किया गया था, वहीं पिछले कुछ सप्ताह से भारतीय फ़ुटबॉल संघ और अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल संघ यानी फ़ीफ़ा में सबकुछ ठीक तरह से चलता दिख रहा था.

दरअसल प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने 16 जुलाई को सर्वोच्च अदालत को संघ में सुधार को लेकर अपनी एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके कई पहलुओं पर असहमति बनी हुई थी. फ़ीफ़ा ने नए प्रावधानों को लागू करने के लिए अखिल भारतीय फ़ुटबॉल फेडरेशन को 31 जुलाई तक का वक़्त दिया था. इस डेडलॉक की स्थिति के चलते भी फ़ीफ़ा ने पाबंदी लगाई थी.

पाबंदी की घोषणा के बाद 21 अगस्त को भारतीय खेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से खेल प्रशासकों की समिति को भंग करने की मांग की थी, ताकि फ़ीफ़ा अपनी पाबंदी हटा सके. खेल मंत्रालय की सक्रियता के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खेल प्रशासकों की समिति को भंग करने का फ़ैसला लिया, जिसके बाद ही फ़ीफ़ा ने पाबंदी को हटाया है.