रनिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के प्रधानमंत्री, क्या देश को संकट से निकाल पाएंगे?
छठी बार प्रधानमंत्री बनने वाले रनिल विक्रमसिंघे श्रीलंका की राजनीति में एक अहम स्थान रखते हैं। हालाँकि, राजपक्षे बंधुओं के दौर में हुए पिछले संसदीय चुनाव में उनकी यूनाईटेड नेशनल पार्टी की अप्रत्याशित हार हुई थी। उन्हें एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी।
मगर संसदीय सदस्यता की राष्ट्रीय सूची के आधार पर उनकी पार्टी को एक सीट आवंटित हुई। इसी एक सीट के सहारे, 226 सीटों वाली संसद में विक्रमसिंघे संसदीय राजनीति में सक्रियता दिखाते रहे और अब उन्हें श्रीलंका में एक अभूतपूर्व संकट के दौर में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया गया है। पिछले दिनों इस्तीफ़ा देने वाले श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने विक्रमसिंघे को ट्विटर पर बधाई दी है। उन्होंने लिखा है - "नए नियुक्त प्रधानमंत्री को बधाई। इस मुश्किल घड़ी में देश को चलाने के लिए आपको शुभकामनाएँ."
रनिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का प्रधानमंत्री बनने पर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भी ट्विटर पर बधाई दी है। उन्होंने लिखा है, "नए प्रधानमंत्री को मेरी शुभकामनाएं। रनिल विक्रमसिंघे ने मुश्किल समय में देश को चलाने के लिए कदम आगे बढ़ाया है। मैं श्रीलंका को फिर से मजबूत बनाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।"