चीन ने अमेरिका को दी खामियाजा भुगतने की धमकी

in #international2 years ago

IMG_20220727_171832.jpgअमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा की खबरों से चीन गुस्से में है। चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर नैन्सी पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो अमेरिका को इसका ख़मियाज़ा भुगतना होगा।

अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद नैन्सी पलोसी अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर हैं। वे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बाद अमेरिका की तीसरी सबसे ताक़तवर शख़्सियत हैं। अगर वे ताइवान की यात्रा करती हैं तो वे साल 1997 के बाद ऐसा करने वालीं अमेरिका की सबसे वरिष्ठ नेता होंगी।

चीन स्व-शासित ताइवान को एक अपने एक प्रांत के रूप में देखता है। चीन का मानना है कि उसे देश का हिस्सा होना चाहिए। ऐसा करने के लिए चीन सैन्य हस्तक्षेप भी कर सकता है। दूसरी ओर, ताइवान ख़ुद को एक आज़ाद मुल्क मानता है। हालांकि बाइडन प्रशासन ने कथित तौर पर नैन्सी पेलोसी को ताइवान जाने से रोकने की कोशिश की है।

पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बाइडन ने पत्रकारों से कहा था कि, "सेना को लगता है कि ये एक अच्छा विचार नहीं है।" वहीं व्हाइट हाउस ने इस तरह की किसी भी यात्रा के ख़िलाफ़ चीन के बयान को लेकर आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि नैन्सी पेलोसी ने किसी भी यात्रा की घोषणा नहीं की है और ताइवान के प्रति अमेरिकी रुख़ में कोई बदलाव नहीं है।

अमेरिका की विदेश नीति के लिहाज़ से ये द्वीप काफ़ी अहम हैं। अमेरिका के ताइवान के साथ मज़बूत अनौपचारिक रिश्ते हैं जबकि चीन के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके समकक्ष शी जिनपिंग के बीच बहुप्रतीक्षित फोन कॉल से पहले अगर ये यात्रा होती है तो ये दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाने का काम करेगी।

IMG_20220727_172001.jpgनैन्सी पेलोसी ताइवान की यात्रा क्यों करना चाहती हैं?

अमेरिकी जनता और अमेरिका कांग्रेस मज़बूती से ताइवान का समर्थन करती है। अपने 35 सालों के लंबे करियर में स्पीकर पेलोसी चीन की मुखर आलोचक रही हैं। उन्होंने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड की निंदा करने के साथ लोकतंत्र समर्थक और चीन सरकार से असंतुष्ट लोगों से मुलाकात की है। इसके अलावा नैन्सी पेलोसी ने 1989 में हुए नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए तियानमेन स्क्वायर का दौरा भी किया है।

उनकी असल योजना अप्रैल में ताइवान जाने की थी लेकिन उस वक्त उन्हें कोविड हो गया, जिसके चलते उन्हें इस दौरे को स्थगित करना पड़ा था। नैन्सी पेलोसी ने अपनी यात्रा के विवरण पर बात करने से इनकार कर दिया है लेकिन उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि ताइवान के लिए समर्थन दिखाना हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

IMG_20220727_171736.jpgचीन यात्रा का विरोध क्यों कर रहा है?

चीन मानता है कि ताइवान उसका एक प्रांत है, जो अंतत: एक दिन फिर से चीन का हिस्सा बन जाएगा। चीन ने बल का प्रयोग कर ताइवन को ख़ुद में शामिल करने को लेकर कई बार आशंका जताई है। चीन ने ताइवान और अमेरिका के बीच बढ़ते राजनयिक संबंधों पर अपनी नाराज़गी जताई है। अप्रैल महीने में छह अमेरिकी सांसदों ने ताइवान का अचानक दौरा किया था।

सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने चेतावनी दी कि अगर पेलोसी अपनी यात्री के साथ आगे बढ़ती हैं तो उनका देश कड़ा कदम उठाएगा और हर तरह के गंभीर परिणाम के लिए अमेरिका ही ज़िम्मेदार होगा।

चीन के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसके जवाब में सैन्य प्रतिक्रिया भी हो सकती है। कर्नल टैन केफेई ने चाइना डेली को बताया कि अगर अमेरिकी पक्ष आगे बढ़ने पर जोर देता है तो चीनी सेना हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेगी और ताइवान में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप और अलगाववादी कोशिशों को नाकाम करने के लिए कड़े कदम उठाएगी।

बीबीसी संवाददाता रूपर्ट विंगफील्ड हेस का कहना है कि अगर आप कुछ सहयोगियों के साथ एक छोटा द्वीप देश हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता नहीं दी हुई है। ताइवान को एक बहुत बड़े और अधिक शक्तिशाली पड़ोसी ने आक्रमण की धमकी दी, ऐसे में अमेरिकी की तीसरी सबसे शक्तिशाली नेता का दौरा कुछ ऐसा है जिसका ताइवान स्वागत करेगा।

इसलिए ताइवान की सरकार अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी को इस यात्रा से दूर रहने के लिए कहने वाली नहीं है।